20 MAR 2018 AT 21:13

हो चाहे ढिल मे बेशुमार ख्वाहिशे दफन मग़र
चेहरे पर हर दम इक मुस्कान रखना ज़रूरी है

ताज को भी सर पे उठा ले आयेगे किसी रोज
फ़िलहाल रोटी का इंतज़ाम रखना ज़रूरी है

- रूपम बाजपेयी "रूप" Writer Sahiba