हो चाहे ढिल मे बेशुमार ख्वाहिशे दफन मग़र चेहरे पर हर दम इक मुस्कान रखना ज़रूरी है ताज को भी सर पे उठा ले आयेगे किसी रोजफ़िलहाल रोटी का इंतज़ाम रखना ज़रूरी है - रूपम बाजपेयी "रूप" Writer Sahiba
हो चाहे ढिल मे बेशुमार ख्वाहिशे दफन मग़र चेहरे पर हर दम इक मुस्कान रखना ज़रूरी है ताज को भी सर पे उठा ले आयेगे किसी रोजफ़िलहाल रोटी का इंतज़ाम रखना ज़रूरी है
- रूपम बाजपेयी "रूप" Writer Sahiba