अब तो वक़्त को भी पूछने का मन करता है कि...बता तो दो मुझे की किस बात का बदला लिया जा रहा है..??
अरे गलत हूँ अगर मै तो गलती तो बताओ मेरी..
इंसान हूँ मै भी. भगवान नही,
पर एक बात तो है....सही ग़लत की बात ही नही है..
बस वक़्त ने ठानी है कुछ तो वह करके ही रहेगा..!
आप लाख कोशिश करलो कुछ कर नही पाओगे..
ऐसे हारा हुआ पाओगे ख़ुदको ...की एक ही बात दोहराओगे..
अब तो वक़्त को भी पूछने का मन करता है कि...बता तो दो मुझे की किस बात का बदला लिया जा रहा है..??
"वक़्त का किया वक़्त देखेगा,
भरोसा रखो खुदा पर..
तुमसे बहेतर तुम्हें जानता है वो!!
कब, कँहा.. कैसे.. और क्यूँ.. उसे समझाने की ज़रूरत ही नहीं।
पर हाँ अगर उसने ठाना होगा तो ज़रुर समझाएगा आपको...की कब, कँहा.. कैसे.. और क्यूँ..!!"
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