वो मिले हमें फकत अजनबी की तरह,
रहे थे कभी साथ मेरे हमनशीं की तरह।
अब जो भी मिले जिंदगी के सफर में,
मिले तो बस उसी की तरह............!-
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मेरे बारे मे जानना है तो ये पढ़ो
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एक अदना सी इंसान आज खास हो गयी है
हर एक् पल मे आता एक अहसास हो गयी है
नाम से तक अनजान थे जिसके कल तक
आज वो ही मेरी जिंदगी की पहचान हो गयी है-
कोरे काग़ज़ पर नई कहानी लिखनी है..........
तेरे नाम से ही अब मुझे जिन्दगानी लिखनी है!-
सियाह आँखे है............दर्द भरी बाते है
तेरे बाद मेरी जिंदगी में बस तन्हा रातें है-
मैं उसकी मोहब्बत हू....वो मेरी मोहब्बत है
बीच में आने की नहीं किसी को इजाज़त है-
दर्द जब हद से गुजर जाता है खुद ही कोई लफ्ज़ बन जाता है
मैं सम्भाले रखती हू पर वो मेरे हाथ से रेत सा फिसल जाता है
मै मोहब्बत हू "रूह-ए-इश्क़" हू उसका 'वो'
सब याद रखता है मगर ये बात भूल जाता है-
जो कल तक थे शायद हम वो आज ना रहे
अब हम तो क़ाबिल- ए -इस्तकबाल ना रहे-
बेपनाह मोहब्बत का उसकी एहतराम रखना है
दूर रह कर सभी से सिर्फ उसको पास रखना है-
दिल का ये कसूर है दिल को ही ना मंजूर है
दूर रह नहीं सकता मगर जाना भी जरूर है-