काश तू मेरा प्यार ना होता
होता अगर तू मेरी ZID
मेरी जान, तू मेरी बाहों में होता
यूना रोता मैं रातों को
ना ही करता तकिया गिला
और अब तो मेरे बिस्तर का सहारा है
जो समेट कर रखा है मुझे
वरना फना और टूट तो मैं बहुत पहले ही गया था-
की रह गया मेरा प्यार अधूरा
अधूरी रह गई ख्वाहिश तुझे पाने की,
तेरे साथ वक्त बिताने की
दर्द तो अंजाम दे गया
और दर्द तो अंजाम दे गया
वरना तेरे साथ बिताए हर पल लाजवाब थे-
तरसे हैं एक जिंदगी के लिए
जो तेरे साथ गुजारनी थी
गुजार पाए ना एक पल चैन के तेरे साथ
हम ख्वाब, जिंदगी बिताने की देख रहे थे-
तुझे पता है कि तू मेरी दुनिया है
फिर भी तुम मुझे छोड़ कर जा रहा है
बता जरा एक बात मुझे
की बता जरा एक बात मुझे
तुझे मेरे ऊपर जरा सा भी तरस नहीं आ रहा है-
काश तू समझदार होता
अगर समझ गया होता मेरे प्यार को
तू आज मेरा दिलदार होता-
बड़ा खाली खाली सा लगता है तेरे बगैर
पता नहीं तू कैसे जी लेता है मेरे बगैर-
जिंदगी से एक हसरत ,एक चाहत थी ।
तुझे पाने की ।।
तुझे खो के जिंदगी का कायदा सीख लिया हमने।-
Dil-e-haal बया किया शायरी के जरिए
उसका नाम लिया, बिना नाम लिए
पता नहीं किस-किस के जरिए-
नहीं मिली मुझे मेरी मंजिल
मैं आज भी सफर में हूं
और तू नकार कर चला गया मेरे प्यार को
पर मैं आज भी तेरे इंतजार में हूं.......😭😭-
खूबसूरती को करो दरकिनार
बात करो कंधों की
कभी हम उनके
तो कभी वह हमारे कंधे पर सर रख सोए हैं-