सबके जीवन की किताब में,
बेहतर बनने का प्रयास ना करें।
क्योंकि दुसरे को बेहतर बनाने में,
खुद की किताब अधूरी रह जाती है ।।-
जीत का स्वाद वही जाने
जिसने जंग पहले हारी हो...
मेहनत कर इतनी जान लगा
कि अगली जीत हमारी हो !!-
At dinner's hour, a scene unfolds,
A boy with mischief, his heart so bold.
His mother’s hands offer roti warm,
As he dodges bites, a playful charm.
She weaves a tale to keep him near,
A bond of love, so bright and clear.
In that moment, memories arise,
Of my own mother, wise and wise.
Through childhood struggles, her gentle embrace,
Soothing my anger, a calm, safe space.
In my darkest hours, she stood by my side,
But when I found success, I drifted wide.
Once, in school, my hands were bound,
She rushed to help, her love profound.
Now, as they age, my heart feels the weight,
Guilt for the distance, the twist of fate.
Why did I wander, so far from their light?
I long for their laughter, to hold them tight.
In dreams, we gather, where time stands still,
For together, dear family, is always my will.-
उंगलियों के उठने की परवाह ना कर मुसाफ़िर,
सच्ची मेहनत इक दिन तुम्हारी गवाही देगी !!-
जीवन की राह पर तुम्हारा साथ चाहिए
सातों फेरो में तेरा हाथों में हाथ चाहिए
कुदरत ने अपना मिलन ना जाने कैसे करवाया
मगर हा रिश्ते को अपने इतना ताकतवर बनवाया
शांति के जीवन में अब संग्राम चाहिए
सातों फेरो में तेरा हाथों में हाथ चाहिए
जीवन में बेशक कई उतार चढ़ाव आयेंगे
आज के बाद इक दूजे का हर पल साथ निभाएंगे
हर घड़ी में रहूंगा संग तेरे जब भी तुम्हे, मैं चाहिए
सातों फेरो में तेरा हाथों में हाथ चाहिए
मां की लाड़ो और पिताजी की शान हो
लक्ष्मी रुप में आप अब इस घर का सम्मान हो
मेरी याद में हर दम तेरी ही याद चाहिए
सातों फेरो में तेरा हाथों में हाथ चाहिए
तेरी मुस्कुराहट तो जैसे खुशियों की पिटारी
तेरी हर खुशी की अब जिम्मेदारी है हमारी
अब इन आंखों के इशारों से तेरी हां चाहिए
सातों फेरो में तेरा हाथों में हाथ चाहिए-
अपने जीवन की महाभारत को,
स्वयं ही संभाल लीजिए जनाब....
यहां अभिमन्यु,अर्जुन एवं श्रीकृष्ण,
अपने भीतर का जगाना होता है ।-
दरिया, सागर, समंदर क्या क्या बुलाएं तुम्हें,
अनंत प्रेम की परिभाषा क्या बतलाए तुम्हें,
भीतर की हर लहरो पर सिर्फ नांव तुम्हारी है..
हर जन्म में बस अपना ही बनाए हम तुम्हें !!-
जीवन में खुद को समय देना शुरू कीजिए...
जिंदगी खुबसूरत लगना शुरू हो जाएगी !!-
इंतज़ार था जिस क्षण का सबको, वह पल अब पूर्ण हुआ है,
भाव-विभोर है भारत खंड, सपना सबका संपूर्ण हुआ है!
रामलला का बन गया मंदिर,हर घर है खुशियाँ छाई,
जल रहे दीप हर प्राचीर पर,'रोनक' बांटे सबको बधाई !
कारसेवकों को शत् शत् वंदन, जो यह दिन हमनें पाया,
योगीजी-मोदीजी को नमस्कार, जो बोला करके दिखाया !
कोठारी बंधू भी परमधाम से, परम हृदय पुष्प बरसाऐं,
अटलजी अशोक सिंघल जी, प्रभु चरणों में मंद मंद मुसकाए !
आडवाणीजी, मुरलीमनोहरजी की मेहनत,कभी भूला ना पायेंगे,
श्री ऋतंभराजी व श्री उमाजी को मिल कर हम शीश नवायेंगे!
हाँ, रामकृपा से काज हुआ है, सब ने मिलकर आगे बढ़ाया है,
जहाँ हुआ है जन्म प्रभु का, अब मंदिर वही बनाया है !
अब मंदिर वही बनाया है !!-