Ronak J.   (Janaab ...#)
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Random scribbler
Joined 15 May 2018


Random scribbler
Joined 15 May 2018
1 AUG AT 23:37

जरा-सी सिरहन अब झुरझुरी में बदल गयी,
जब अधरों की लालिमा कानों पर ठहर‌ गयी।
सांस चढ़ने लगी, उनकी बस छूवन से
जब कमर पर बाहें उनकी गहराईयों में कस गयी।
लब सुखने लगे, उफ्फ यह कैसा नशा है
उनकी महक से बदली मेरी यह कैसी दशा है।
हल्के मदहम खामोश लहज़े का असर है,
उनकी सांसों से मेरा बह जाना, यह होता अक्सर है।
मैं मदहोशी के आलम में सराबोर हो जाती हूं,
जब बेअदबी से खौलता उनके प्यार का सबर है।

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27 JUL AT 16:21

आज फिर स्याह काली कलम से लिखा है,
एक और दुख हमारे नाम आज लिखा है।
जो थोड़ी-सी कसर अब बची थी जीने में,
उसका भी अंत आज के नाम लिखा है।
अब पूरी तरह से टूट-बिखर चूका हूं मैं,
तभी आज दिल का मलाल लिखा है।
शायद मुझ में ना रहूं अब जिंदा में,
इसलिए यह आखिरी पैगाम आज लिखा हैं।

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17 JUL AT 1:42

कुछ पल को अपना हमें
मान लिया था किसी ने !
कभी वक्त से पुछा है ?
जो करना ठान लिया हमनें।

बेशक वो दिल के बेहद करीब हैं आज,
कल शायद वो हमसे कोसों दूर हो जाएंगे।
वो आज भी बहुत याद आते हैं हमें
हम कल भी उन्हें बेइंतहा याद आएंगे।

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17 JUL AT 1:36

दिल पर लगी हे दस्तक ज़रा-सी,
पुकारा है हमनें कि कौन है !

दिल पर लगी हे दस्तक ज़रा-सी,
पुकारा है हमनें कि कौन है !

बस इतनी-सी आहट सुनाई दी हमें,
कहा किसी ने की बताओ, "हम कौन हैं" !

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15 JUL AT 0:31

इस कदर चोटिल हो गया है
किसी को खोने का ग़म
इस कदर हम पर हावी हो गया है
चाह कर भी ना कुछ कह पाता हूं मैं,
तनहाई में अक्सर अनगिनत अश्क बहाता हूं मैं।

हृदय में होता जो दर्द बड़ा गम्भीर है,
कुछ दिनों की बात है ये जो शोर हैं
गहन सन्नाते में कब बदल जाए
वक्त का पता चलता ही नहीं है।

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17 JUN AT 9:02

Whenever you feel frightened,
Remember I'm here.
Whenever you feel alone,
Remember I'm here.
Whenever you face any struggle,
Remember I'm here.
Whenever you feel like crying,
Remember I'm here.
Whenever you feel lost,
Remember I'm here.
Whenever you feel nothing is good,
Remember I'm here.
Whenever you find yourself stuck,
Remember I'm here.
Although I don't need to remind you
Still saying for your comfort,
Remember I'm here
In all your goods' and bads'...

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21 MAY AT 0:02

बहुत कुछ खो कर तुम्हें पाया हैं हम ने,
या तुम्हें पाकर बहुत कुछ अपना खो दिया !
लाल सुनहरे दुपट्टे की सरसराहट में मानों,
कुछ पल को दिल ने धड़कना ही छोड़ दिया।

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20 MAY AT 23:56

एक किताब, एक किस्सा, एक ही संदर्भ में लिखे,
हज़ार मुंह, हज़ार किस्से यहां लोगों ने बनायें।
उस पन्ने पर गौर नहीं गया है किसी का,
जहां दर्द-बेइंतहा अपने हैं लेखक ने सुनाए।
हर कोई झांकता रहा उस कवर पृष्ठ को,
जिसपर निशान सुहाने चित्रकार ने सजायें।
कुछ ने पढ़ा, कुछ ने नकारा, कुछ ने चूम लिया,
इन शब्दों के समूह को जिन्हें जनाब ने बतलाए।

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28 APR AT 22:21

मेरा मन आज भी तुम्हारी बस एक झलक को तरसता हैं,
कितनी बेचैनी में अब तो हर एक लम्हा गुज़रता है !
हमारे हाथ मिल कर भी क्यूं रह गए सूने भला ?
इस सवाल से दिल पल-पल छलनी होता रहता हैं।

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21 APR AT 22:23

जब-जब सोचूं मोहब्बत को तुम्हारी,
हर ओर तुम्हारी खुशबू छा जाती है।
कैसे बताऊं तुम्हें ओ जाना,
तुम्हारी याद मुझे कितना तड़पाती हैं।

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