Romy Singh   (रोमी के दिल के अल्फाज़❤️)
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Joined 18 October 2021


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Joined 18 October 2021
20 APR AT 16:22

धारण कर मुखौटा चेहरे पर,
मुस्कुराकर कहती है जनता,
बदल रहा है भारत मेरा।
दिल्ली के मच्छरों को ,
जब समझ में आया यह मंतव्य,
मच्छर भी मुस्कुराया ,
अपना ली जुमलेबाजी की नीति।
एक रात को काट कर,
दूजी रात को अब करने लगे विश्राम।
जनता भी अब मच्छरों का गुलाम बन गई,
एक रात को कटवाकर,
दूजी रात को करती आराम।
हुई मुलाकात पड़ोसी से,
मैने पूछा कैसे गुजरी रात,
दर्द को छुपाकर पड़ोसी ,
मुस्कुराकर बतलाया,
बदल रहा है मेरा भारत,
बदल रहा है मेरा भारत।
आप (AAP) के मुखिया,
जब से गए है जेल।
छोड़ दिए है मच्छर को,
बदला लेने के लिए।
@RomySingh ✍️

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13 APR AT 23:17

फेकत फेकत इतना फेंकेन,
जुमलेबाज़ हो गइलेन।
एक नारा देइ देहेन,
अबकी बार चार सौ पार।
हर जनप्रतिनिधि के इहई ब बोली,
ताल से ताल मिलावत अहेन।
हिंदू – मुस्लिम की ढपली बजाईं के,
नफ़रत क बिज़ बोवत अहेन।
शिक्षा की नइया डुबोकर,
भगवा के अहमियत बतलावत अहेन।
फुहरपन की चादर से ढककर,
भारत की गरिमा गिरावत अहेन।
इलेक्ट्रोरल बॉन्ड की गाड़ी में भरकर,
भ्रष्टाचारियों को अपनी ओर मिलवात अहेन।
काकी दादी भउजी भैया ,
मत फ़सना अब जुलमे में।
पांच किलो के चक्कर में,
देशवा को गिरवी मत रखना।
अबकी बार आपन वोटवा,
पढ़े लिखे को दिहा हो।
ताकि जब सरकार बने,
कितबिया अउर कलमिया पर से ,
जी एस टी हटि जाई।
वोटवा दिहा सोच समझ के,
वोटवा दिहा सोच समझ के।
@RomySingh ✍️❤️

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12 APR AT 21:10

“A person covers his
humanity with a cloak
to present himself in
a way that society
will accept him.”
@RomySingh ✍️❤️©®

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25 MAR AT 16:33

होकर फ़िदा तेरे रंगों पर,
तेरे पास आ जाऊँगा।
तेरे आंगन में तेरे संग,
रंग तुझसे लगवाऊंगा।
करके नशा इश्क़ का,
होंठों पे रंग लगाऊंगा।
भरकर बाँहों में तुझको,
तुझे भी भिगाऊंगा।
होकर फ़िदा तेरे रंगों पर,
तेरे पास आ जाऊंगा।
@RomySingh ✍️❤️

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23 MAR AT 0:55

A teacher should also
be a learner.
If a student takes them
beyond the limits of
bookish knowledge to
the boundless
realm of wisdom,
the teacher should not
harbor any jealousy
towards that student.
@RomySingh ✍️❤️©®

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20 MAR AT 18:42

What's app update.
Jo uper m tha ab niche ho gaya.
Hua न विकास .
व्हाट्स एप भी अब जुलमेबाज हो गया ,
बदलकर क्यारी की सीमा,
अपडेट का नाम दे रहा।
बनकर अंध भक्त व्हाट्स एप का,
चहुओर चिल्ला रहे है,
विकसित हुआ व्हाट्स ऐप।
सीख गया है व्हाट्स एप भी,
तरक्की का फॉर्मूला।
लगा दो काजल अंध भक्ति का,
चहुओर नज़र आएगा,
विकास का फॉर्मूला।
@RomySingh ✍️❤️©®

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19 MAR AT 13:27

"If the energy of
anger is without
purpose, then anger
reduces a person
to nothing.”
@RomySingh ✍️❤️©®

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13 MAR AT 0:30

है चमक नयनों में,
तेरे हुस्न की आभा से।
खिलने लगे है आँगन फिर से,
तेरे क़दम पड़ने से।
पवन गुनगुनाकर ,
करने लगी है नृत्य।
लाने लगी है संग अपने,
तेरे हुस्न की खुशबू को।
फैल रही सीलन अब,
दिल होने लगा है नम।
छुपी कसक मुस्कुराने लगी है,
तेरे इस आलिंगन से।
दिल झूम रहा है उस पल में,
जब से मिली है ख़बर।
@Romy Singh ✍️❤️

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10 MAR AT 18:19

किशोरावस्था में पहुँचकर,
रोया जब मैं पहली दफा।
मॉम के कोमल कर
लगे आँसुओं को पोछने।
कर्ण के द्वार से गूँजा एक स्वर,
तुम हो एक मर्द ,मर्द कभी रोते नहीं।
दिल पहन मर्द का लिबास,
बन गया एक पाषाण ।
समय की हवा में जब ,
लगी सोच बदलने।
कर्ण के द्वार से फिर गूँजा एक स्वर,
इतने बड़े नही हुए हो,
जो ख़ुद से कर सको फैसला।
अंतर्मन ने बदल लिया था,
ख़ुद को एक पाषाण में।
मर्द के लिबास में ,
दिल लगा मुस्कुराने।
खिलने लगे जब इश्क के फूल,
दिल के हर एक आँगन में।
कर्ण द्वार से फिर गूँजा एक स्वर,
तुम हो एक हवस के पुजारी।
अंतर्मन होकर शून्य,
ख़ुद को लगा निहारने।
जाऊँ तो मैं जाऊँ किधर,
रुलाया तो हर पल जाता हूँ ।
मर्द के भंवर में ख़ुद को डुबोता चला गया ,
दिल की हर एक तृष्णा को भूलता चला गया।
@RomySingh✍️❤️

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8 MAR AT 16:09

सृष्टि को गर्भ में धारण कर
और उसे संतुलित करने में
अमूल्य योगदान देने वाली
मातृशक्ति को नमन, वंदन अभिनंदन
🙏🙏🙏🙏🙏♥️♥️♥️♥️
@RomySingh ✍️❤️

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