रोली 🍃   (अभिलाषा)
11.6k Followers · 198 Following

read more
Joined 16 May 2017


read more
Joined 16 May 2017
13 JUL AT 12:09

मैं तुम पर ग़ज़लें लिखता हूँ
लेकिन बह्र नहीं होता है

मैं तुम पर कविता कहता हूँ
उनमें कहर नहीं होता है

तुमसे दो बातें ग़र कर लूँ
बोलो ज़हर हुआ कैसे!

-


10 JUL AT 10:39

कलम के गुरुत्व को नमन!
लेखनी को नमन!
जिन पलों में कलम आलोकित हुई उन पलों को नमन!

गुरु अपना गुरुर बनाये रखना! 🙏

-


9 JUL AT 13:04

अकाल मृत्यु
जीवन के सिलेबस में
अजीवित हो जाने की दारुण कथा

-


7 JUL AT 11:42

एक नदी सौ धारे हैं
डूबे दोनों किनारे हैं

-


7 JUL AT 11:22

जब भी मिलो तो इस हया से मिलो
गोया इश्क़ में किसी बेहया से मिलो

-


4 JUL AT 11:02

प्रेम भर गया तू मुझमें
मुझको घृणा से तार कर
टूट गया किनारों में क्यों
मुझे अम्ल सिंधु में उतार कर

-


3 JUL AT 12:52

मेरी मृत्यु की
पहली वर्षगाँठ पर
मेरी आत्मा को हर्षित करने

-


3 JUL AT 12:44

मिलते ही यों चूमा था
एक दूसरे को

कि रह गये थोड़े थोड़े
एक दूसरे में

उन्हें जल्दी थी अलग होने की
एक दूसरे से

-


3 JUL AT 8:34

है कौन जो बिगड़े काज सँवारे
ज़ाहिर है हर बात पे हारे

-


3 JUL AT 8:28

हम जो नहीं हैं बस वही अभिनय करते रहते हैं. कभी-कभी इस दुनिया को थोड़ा ऊपर उठकर समझने के प्रयास में पाती हूँ कि हम सभी ईश्वर के इस चलचित्र रुपी संसार में इंसान होने का अभिनय करने आये हैं.

-


Fetching रोली 🍃 Quotes