ये भी कैसी पल है,
ज़िन्दगी की यही पल शायद किसी और को दे सकते तोह क्या ये शारी उलझने भी चली जाएंगी!
तोह फिर ऐसा क्यों मन चिक चिक कर बोल रहा है, और सारी आहटें मन में हीं एक तरंग के भांति बिलिन क्यों होती जा रही है...! ये किस प्रकार की तृष्णा है जो न तोह प्यास बुझाने की मार्ग दिखाए न प्यास बुझाए !-
Rojalin Ojha
(Lovely)
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Joined 19 February 2018
18 JUL 2020 AT 2:05
31 MAY 2020 AT 6:05
I know you are a great illusionist through your eyes, still my depth of love always dive in it!
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22 MAY 2020 AT 11:30
Sometimes flat tires are good for journey because it will make you think about, why you started the journey!
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18 MAY 2020 AT 22:04
अजब सी कस्म कस है
टूटे हुए ख्वाब को
स्याही में पीरों तैं तोह है,
लेकीन अपने लिख को
ख़तम करने से डरतें हैं,
क्यों की ख्वाब टूटने की
जीकर अंत में दस्तक देगी
दिल हक़ीक़त जानता हैं,
इसी लिए लिख के
बार बार मिटाते हैं !
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