तन्हाई सहारा नहीं मजबूरी है ।
तन्हाई बिन ज़िन्दगी भी अधूरी है।-
मंजिल भी उसकी थी
काफिला भी उसका था ।
साथ चलने की सोच भी उसकी थी
रास्ता भी उसका था ।-
ऊंचे ऊंचे पर्वतों बीच गहन जंगल के बीच मैं आता हवाएं सरसराहट कर चलती भोर बीच कलकल बहती नदिया के पास शांन्त झील में तुम क्षणभर । झील में पत्थर नहीं फेंक दिया मैंने , देखते हैं क्या विचित्रता है अखंड प्रतिमा हुई खण्ड खण्ड विस्तृत विवेचन जड़ चेतन बीच ....क्रमशः
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छूट जाएं सब साथ तो हमें याद करना ।
तनहाई महसूस हो तो हमे याद करना ।
खुशियों में रखना हजारों दोस्त
जब ग़म बांटना हो तो मेरे दोस्त मुझे याद करना ।-
बिल्कुल तन्हा तो
हम कभी हुए नहीं
कभी तुम तो कभी
तुम्हारी यादें संग रही । 🙏🇳🇪-
मित्रों से सदैव वफादारी ।
मित्र की उम्दा से उम्दा छवि बताना ।
मित्र की भावनाओं का सम्मान करना । रोहताश
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नए साल का मिलकर सब अभिनन्दन करते हैं
बुरे अच्छे बीते पलो का मिलकर वंदन करते हैं
गुजर गया 2021 इसे तो गुजरना ही था
आओ 2022 का सब मिलकर अभिवादन करते हैं । रोहताश-
मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर तुम देना फेंक ।
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने जिस पथ जाते वीर अनेक । जयहिन्द-