लाख कोशिशें हुई हो फिर भी मैं तुझको ना भुलाया हूँ तु ना आई मिलने मुझसे, मैं खुद ही चलकर आया हूँ समा गया था समंदर में पहले, फिर से निकल मैं आया हूँ देख मैं तुझसे मिलने अब बारिश बनकर आया हूँ
कोई नहीं, तुम्हारी यादों के सहारे जी लेंगे, आँसू तो बहेंगे, मगर उसे पी लेंगे, ख़त जो रखें हैं तुम्हे देने को वो पुराने होकर फट गए अब उन्हें सी सके, तो सी लेंगे।।
ख़ुदग़र्ज़ होकर खुद से तू मुझे दूर जाने कहेगा कुछ ग़म मेरे हिस्से आए, कुछ तू भी सहेगा बहोतों से मिले और बिछड़े हैं ज़िंदगी में, मगर मोहब्बत तो एक था, मोहब्बत तो एक है, मोहब्बत एक ही रहेगा