तुझे पाने को मैं कुछ भी कर जाऊं
एक बार छू दे मुझे तो मै तर जाऊं
सुकून न दे सके तो बस इतना कर दे
दर्द इतना दे कि मैं मर जाऊं
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लाख कोशिशें हुई हो फिर भी मैं तुझको ना भुलाया हूँ
तु ना आई मिलने मुझसे, मैं खुद ही चलकर आया हूँ
समा गया था समंदर में पहले, फिर से निकल मैं आया हूँ
देख मैं तुझसे मिलने अब बारिश बनकर आया हूँ-
लाख कोशिशें हुई हो फिर भी मैं तुझको ना भुलाया हूँ
तु ना आई मिलने मुझसे, मैं खुद ही चलकर आया हूँ
बिखरा गया था बूंदों में पहले, फिर समंदर में समाया हूँ
देख मैं तुझसे मिलने अब बारिश बनकर आया हूँ-
उसके शबाब में सब आब शराब हो गए
हम तो हम, सारे ईमान-असास खराब हो गए
कभी कहा करते थे सुकून-ए-क़ल्ब हो तुम
अब जनाब हमेशा के लिए अज़ाब हो गए-
मुझ तक अब उसकी खुशबू नहीं आती,
हवाओं ने भी 'शायद' अपना रुख बदला होगा।
पहले मैं जिसके लिए सारा जहां था,
उसने अब अपना जहां बदला होगा।।-
कोई नहीं,
तुम्हारी यादों के सहारे जी लेंगे,
आँसू तो बहेंगे, मगर उसे पी लेंगे,
ख़त जो रखें हैं तुम्हे देने को वो पुराने होकर फट गए
अब उन्हें सी सके, तो सी लेंगे।।-
तेरी सूरत से नहीं, सीरत से जानते हैं तुझे
तारीफें इतनी सुनी, के खुदा मानते हैं तुझे
तुझसे दूर तो बेज़र समझते हैं लोग
पर तेरे साथ, सब पहचानते हैं मुझे-
मेरी शामें भी मुझसे यूँ ख़फ़ा ना होती
काश के वो बला बेवफ़ा ना होती
याद-गीर ना रह जाते ये दौर-ए-इब्तिला
अगर मोहब्बत उससे पहली दफ़ा ना होती-
उसकी नज़रों में मैं बेईमान सहीं था
उसकी नज़रों में मैं बदनाम सहीं हूँ
खुशी बस एक ही बात की है
मैं उसकी नज़रों में तो कहीं हूँ-
ख़ुदग़र्ज़ होकर खुद से तू मुझे दूर जाने कहेगा
कुछ ग़म मेरे हिस्से आए, कुछ तू भी सहेगा
बहोतों से मिले और बिछड़े हैं ज़िंदगी में, मगर
मोहब्बत तो एक था, मोहब्बत तो एक है, मोहब्बत एक ही रहेगा-