हाथों से तन को नहीबातों से मन को छूना।फिर तुम जो चाहो, वो माँग लेना।ये शरीर क्या है, माटी का बनाएक ना एक दिन साथ छोड़ जाएगा,तुम मेरी आत्मा से ही रिश्ता क़ायम कर लेना।हाथों से तन को नहीबातों से मन को छूना। - Shayar-e-udgir
हाथों से तन को नहीबातों से मन को छूना।फिर तुम जो चाहो, वो माँग लेना।ये शरीर क्या है, माटी का बनाएक ना एक दिन साथ छोड़ जाएगा,तुम मेरी आत्मा से ही रिश्ता क़ायम कर लेना।हाथों से तन को नहीबातों से मन को छूना।
- Shayar-e-udgir