!!!…मैं…!!!
शांत हूँ, अशांत भी,
ज्ञान हूँ, अज्ञान भी,
धर्म हूँ, अधर्म भी,
कर्म हूँ, परिणाम भी,
सम्मान हूँ, अपमान भी,
कल्याण हूँ, सर्वनाश भी,
आदि हूँ, अंत भी,
!!!…मैं शिव हूँ…!!!-
🎂 April 21 🎊🎉🎁🎈🍰🍻
Love for writing 🖋📝🖊✏📄
Nature lover 🌸🌼🌱🌲🌳... read more
“”अधूरा ख़त””
मुझे लिखने की आदत थी,
शब्दों से बात करने की,
स्याही में साँसे भरने की,
ख्वाबो को कागच पर सजाने की।
पर अब कागच ख़ाली है,
कलम भी ख़ामोश पड़ी है,
शब्द नहीं, बस खामोशी है,
किसी बीते अफ़साने की तरह।
कभी लफ्जो में जादू था,
कभी कहानियाँ बहती थी,
अब बस बिखरी यादे है,
और बेजान सी छुपी है।
शायद मैंने लिखना छोड़ दिया,
या शब्दों ने मुझे छोड़ दिया,
पर दिल के किसी कोने में,
एक अधूरा ख़त अब भी बाक़ी है…!!!-
आज दुनिया से वीदा हुआ एक अनमोल मुसाफ़िर,
नाम जिसका था रतन और रत्नों में जो था कोहिनूर.!
पाव जिसने धरती पर जमाये रखे और बुलंदिया छुई आसमान की सारी,
सादगीं से ऐसे जीवन जिया जिसने अपना..!!
जो हर खुशी ख़रीद सकता था अपने लिए,
लेकिन दूसरो के दुखों को बाँटने में लगा दिया उसने जीवन अपना सारा…!!!
औरों की ख़ुशियों में देखी जिसने अपनी ख़ुशी,
और लुटा दी अपनी दौलत सारी सेवा में सबकी….!!!!
जो जग में आया तो ख़ाली हाथ था,
पर रूखसत होते हुए दुआओ से भर ले गया अपना दामन सारा…..!!!!!
ऐसे मुसाफ़िर सदियो में आते है एक बार,
ओर दे जाते है मानवता को एक बहुत सुनहरा पाठ……!!!!!! 💔🕊️-
समंदर की तरह मैं खारा ही सही
पर तहज़ीब की मीठास बहुत है मुझमें
जो समझा मुझे वो कभी दूर गया नहीं
और जिसने चाहा मुझे उसके लिए मैं बदला कभी नहीं
✨🫶✨-
तू हुस्न का वो चांद है,
जिसे ढलते हुए देखा नहीं जाता,
इंतज़ार करते है हम दिन ढलने का,
ताकि रात आये और दीदार हो सके तेरा,
दिल डरता है हर उस अमावस की रात से,
जब रात तो होती है लेकिन दीदार नहीं होता तेरा,
और प्यार है हमे उस हर एक चाँदनी रात से,
जिसकी चाँदी से सिंगार होता है तेरा और बहुत खूबसूरत चाँद दिखता है मेरा ❤️-
मैं अपने में खो जाऊँ तो शिव हो जाऊँ,
और शिव में खो जाऊँ तो सबका हो जाऊँ..!!
बाबा तू अपने चरणों से लगाकर रखना,
भले दुनिया से तू मुझे दूर रखना,
पर अपने से दूर कभी ना करना…!!!❤️!!!-
मैं अपने में खो जाऊँ तो शिव हो जाऊँ,
और शिव में खो जाऊँ तो सबका हो जाऊँ..!!
बाबा तू अपने चरणों से लगाकर रखना,
भले दुनिया से तू मुझे दूर रखना,
पर अपने से दूर कभी ना करना…!!!❤️!!!-
अब भी रातो में कई बार तस्वीर देख लेता हूँ तेरी,
बस यही सोच कर आँखें बंद कर लेता हूं की,
हक़ीक़त में ना सही,
ख़्वाबों में ही मिल जाये क्या पता तू कही 🖤-
चाय अभी गरम है तुम थोड़ा जल्दी आना,
बैठकर बाते करेंगे तेरे संग हम जब तक चाय ख़त्म ना हों ☕️
✨✨-
आत्मा चली गई छोड़कर शरीर पुराना अपने नए सफ़र की ओर,
पीछे देखते रहे गये तेरे घर वाले तेरे मृत शरीर की ओर..!!
इस देह का क्या है ये तो मीट जानी है एक दिन,
सवारना ही है तो अपने अमालो(कर्मों) को सवार
जो जाने है तेरे संग तेरे नए सफ़र की ओर…!!! ✨✨-