तेरी इन आँखों ने मुझे कुछ इस कदर् डुबाया की इनमे डूबें रह के मरने को भी तैयार हू हाँ, एक लहर ऐसी आई थी जिसने मुझे एक किनारे पर छोर दिया था लेकिन एक लहर की आस अभी भी है जो मुझे वापस डूबा ले जायेगी।
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कैसे हुआ ये.... कब हुआ.. ??
हमारा रिश्ता समंदर से भी गेहरा कब हुआ ....??
कभी सोचा ना था हमने ..... की तुम्हे इतना सोचेंगे हम।
अब जब आ ही गये हो तो सिद्दत से यहीं रुक जाओ न तुम।।-
बारिश की बूंदो जितना प्यार है हमें
एक रोज किसी ने हमसे कहा था
आज भीग कर देखा इस बरस हमने
अब ये बारीश तेरे ईश्क का इज़हार नहीं करती।-
सुना है होली में सारी पुरानी यादें भी जला दी जाती हैं,
तुझे इतनी भी क्या जल्दी थी ,
होली का इंतज़ार तो कर लेता।।-
तेरे बिछड़ने के गम से अभी उबरे भी न थे,
की तुझे बाज़ार मे आज ख़ुश देखा है।-
ये ज़रूरी तो नहीं की हम रो कर ही रुख़्सत लें
चलो ना जो बाकि हैं पल साथ के, उन्हें जिंदगी के सबसे बेहतरीन पल बना लें....
भूल जाओ सब कुछ .... क्या था.... क्या हुआ.... क्या होगा....
बस तुम मैं और हम।-
याद है न वो पहली मुलाकात.....
वो मेरा लम्बा इंतज़ार.......
क्या किसी ने कभी हमारे जैसा इंतज़ार किया है?
क्या किसी ने तुमसे हमारे जितना प्यार किया है??-
कुछ खाली खाली सा एहसास हुआ है ....
तेरे चले जाने का आभाष हुआ है ...
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पता नहीं किस बात से ख़फ़ा हैं वो....
मैंने तो उनका हर बात माना है
ख़ुद समझ कर सब.., अपने ज़ज़्बातों को मारा है
कुछ पल हैं बाकी बस नाम के
जी लेते है न एक दूसरे के वास्ते!!!!!-
क्या लोग इतनी जल्दी बदल जाते हैं??
जिन्हें कल तक मेरे हर दर्द मे दर्द होता था
आज हमें ख़ुद हर वक़्त दर्द देते हैं।-