12 MAR 2018 AT 4:11

थका हूँ मैं एक अनजान सफर से,
पर मंज़िल के ख़्वाब टूटे नहीं,
ना जाने कितने मुसाफ़िर पीछे छूट गए,
पर मेरे हौसले अभी टूटे नहीं......!

- उन्मुक्त स्याही "SaaR"