मत हंस मेरी मुफ़लिसी पर ए दोस्त,हमने तो मोहब्बत करके सल्तनतें लुटवा दी हैं....! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
मत हंस मेरी मुफ़लिसी पर ए दोस्त,हमने तो मोहब्बत करके सल्तनतें लुटवा दी हैं....!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"