आ फिर लौट चले उस वक़्त में,जब मासूमियत थी दिल में,ना कोई मतलब था...! - उन्मुक्त स्याही "SaaR"
आ फिर लौट चले उस वक़्त में,जब मासूमियत थी दिल में,ना कोई मतलब था...!
- उन्मुक्त स्याही "SaaR"