rohit saras   (" Rohit Prajapati ")
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Joined 24 April 2020


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16 JAN 2023 AT 18:53

कुछ यादे कुछ तस्वीरे छोड़ गया
स्टेशन पर बैठें कुछ अल्फाजे छोड़ गया
मिलने की खुशी या
बिछड़ने का गम था
पुराने रिश्तों की साखों से
नये अपनेपन का अहसास था
जिसको दूरियां मिटा न सकी
उस अहसासों का सबब था
कुछ नए चेहरे की मुस्कान
पुराने की बातों में वो मिठास था
पीढ़ियों की परत ,रिश्तो की गाँठो
इनको सुलझाने में हम सब थे
फासलों के इस फलसफा में
दूरियां तो बस जगह की मोहताज थी
अंजान रिश्ते अब पूरे हो गए
जैसे टूटी टहनी पर अब पल्लव लग गए।
-" रोहित प्रजापति "-











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20 OCT 2022 AT 9:56

वो पागल है या आशिक़ है
वो आशिक़ है या पागल है
ये बात ज़माना क्या जाने
वो क़ातिल है या घायल है
किसको कितना किसने लूटा
किसका कितना नुकसान हुआ
चूड़ी किसकी टूटी है फिर
किसका मरना आसान हुआ
किसे सेज चिता सी लगती है
किसका फंदा ये पायल है
ये बात ज़माना क्या जाने
वो कातिल है या घायल है

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15 OCT 2022 AT 13:46

मैं राख हूं , राख ही रहूंगा
आग बनने की मुझमें काबिलियत नही
मेरा नसीब है,
बिखर के उड़ना और मैं बिखरा ही रहूंगा
मैं राख हूं , राख ही रहूंगा
मत उम्मीद करो, मुझसे रोशनी की
जल चुका हूं मैं सारा
अब फिर से न मैं खुदको जला सकूंगा
मैं राख हूं , राख ही रहूंगा
बिखरा बिखरा सा मैं हवा में उड़ के
मिट्टी के कण कण में एक दिन मिल जाऊंगा
मैं राख हूं , राख ही रहूंगा...

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2 SEP 2022 AT 19:00

कौन कहता है।नेचर और सिग्नेचर
कभी बदलता नही।
बस ! एक चोट की दरकरार है,
अगर अंगुली पर लगी तो सिग्नेचर और
दिल पर लगी तो नेचर दोनों बदल जाते है

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12 AUG 2022 AT 14:45

दुआओ से बांध देती है
प्यार से निहार देती है
मंत्रो से सवार देती है
वो बहन ही है जनाब
जो संकट से पहले "रक्षासूत्र" बांध देती है
गंगा की नीर की तरह बहती चली जाती है
सिंचते प्रकृति की राह में चलती चली जाती है
ये बहन ही है
जो हर जगह संभालती चली जाती है
जिसे रहती है भाई की फ़िक्र
पर न करती इस बात की जिक्र
पर दिल से हमेशा देती है साथ
भाई को हर गलतियों से बचाना
उनके अंदर की कमियों को निकलना
सच्चे कामो में हमेशा साथ देना
यही हम सब बहनो को स्वभाव है
इसलिए ये सब रिस्तो की धार है
|| हैप्पी रक्षाबंधन ||

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14 APR 2022 AT 10:36

विशाल भाई🙏
आपको आपके जन्मदिवस की सप्रेम बधाई और दिव्य हार्दिक सुभकामनाये.......💐💐🙏🙏🎂🎂
आने वाला प्रत्येक दिन आपके जीवन में अनेकों अनेक सफलताएँ एवं अपार खुशिया लेकर आये। इस अवसर पर ईश्वर से यही प्रार्थना करते है वह वैभव, ऐश्वर्य, उन्नति,प्रगति, आदर्श,स्वास्थ्य, प्रसिद्धि, और संमृद्धि के साथ अजीवन आपको जीवन पथ पर गतिमान बनाये रखे।
जीवन हर पल जीने,उत्साह,उमंग के साथ उसे अनुभव करने का नाम है,हर दिन का सुभारंभ उत्साह के साथ हो।बंदिशें तोड़कर आप आगे बढ़ते रहे,
हर क्षण योगि की तरह जिये, जरा भी नकारात्मक को प्रविष्ट मत होने दे।सकारात्मक सकारात्मक और सिर्फ सकारत्मक ही आपका चिंतन हो,आपके कर्मों से आपकी प्रसिद्धि हो।आपके सुखद व उज्जवल भविष्य की मंगलकामना करते है।
~ आपका मित्र **
® रोहित

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19 MAR 2022 AT 13:54

रंगों का त्यौहार है ये,

मनो का श्रृंगार है ये,

जल रही होलिका की ललकार है ये

प्रह्लाद की वीरता की धार है ये

जो सिलसिला कभी न टूटे वो फनकार है ये

अपनों से प्यार करने का रिवाज है ये

सब रंगों से मिला गुलाब है ये

अपनी संस्कृति की शान है ये

प्रकृति के परिवर्तन पहचान है ये

इसलिए इसे कहते रंगोली है ये

हाँ जी..आपकी तरफ से होली है ये

💐🙏होली की शुभकामनाएं🙏💐

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3 MAR 2022 AT 22:19

सबके दिलों में धड़कना जरुरी नही होता साहब।

कुछ लोगों की आँखों में खटकने का भी अलग ही मजा है

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24 JAN 2022 AT 2:42

असल में वही जीवन की चाल समझता है,

जो सफर में धूल को गुलाल समझता है।

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12 JAN 2022 AT 13:02

सफर में है हमसफ़र की तलाश में,

बिछड़ गए हम बेवक्त बेख्याल में,

ढूंढ रहे है अपने सुकून को जहां,

जो छूट गया है अपनों के ही पास में,

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