कहने को बस गुस्सा दिखलाती हो मुझसे ज्यादा तो तुम मुझको जानती हो ।। दूर रहू अगर मैं तेरे से तो हर पल मेरी चिंता करती हो गोद से लिपट जाउ तेरे जब भी नींद न आती है माँ मेरी तुम दुनिया मे एक लौती अपनी हो ।।
बातों के इस खेल के हम राजा तो नहीं पर इन अल्फ़ाज़ों के हम रंक भी नहीं ।। चाहते है दूर होना इस दुनियाँ से पर हर मोड़ पर तेरे जैसा कोई रोकने वाला तो नहीं ।।