Rohit Ojha   (Rohit ojha)
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Joined 26 December 2017


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Joined 26 December 2017
17 JUN 2018 AT 8:17

धन्य हो नागपुर वालों जो बसें गणेशटेकडी के पास
लेकिन बढ़भागी हो मे जो बसा काशी गंगा के घाट

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26 APR 2018 AT 22:20

ये जिन्दगी की भाग दौड मै जैसे मै दिन भर भटकता हू
ठीक वैसे ही काशी विशवनाथ की एक झलक के लिऐ मै हर पल हर दिन तरसता हो

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3 JUN 2021 AT 16:36

किनारा किनारा ही रहेगा
गंगा चंचल सी बहती रहेगी
और घाट हमेशा इन्तिज़ार में रहेगा
मणिकर्णिका हमेशा जलती रहेगी
बस प्रेम सब का ऐसे ही अधूरा
रहेगा

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18 APR 2021 AT 19:09

16_अप्रैल
महादेव✋
राधे राधे....
कैसी हो?
तुम जानते को क्या मुझे?
नही तुमने ही रिक्वेस्ट भेजी थी
मैंने?
हा
गलती से गया होगा मैं नही जानती आपको....
और मैं किसी से बात नही करती....
अच्छा! ठीक है सॉरी तुम unfriend कर दो फिर या रुको हम ही कर देते है😊
अरे कोई न.... हम बात कर सकते है तुम अच्छे इंसान लगते हो मैं बनारस से हु☺️
और तुम?
Oh thanq मैं दिल्ली .....💐
शुक्रिया मुझे इस काबिल समझने के लिए....

हमारी पहली गुफ़्तगू.... 3 दिन हो गए आज वक़्त कैसे बीत जाता है पता भी नहीं चलता है ना अप्रैल बहुत पसंद है मुझे😊

-पंडिताइन

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29 MAR 2021 AT 16:24

कभी हया से ग़ुलाबी कभी गुस्से में लाल देख कर,
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.
उड़े है रंग गुलाल के किसी के गाल देख कर..!

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29 MAR 2021 AT 9:55

हे प्रिये
इस होली ना अबीर ना गुलाल
इधर हमारे होंठ उधर तुम्हरे गाल

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14 MAR 2021 AT 19:23

उठती है इबादत की खुश्बुएँ, मेरे इश्क से..

जैसे ही मेरे होंठ, छू लेते है तेरे नाम को....!

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11 MAR 2021 AT 17:01

फिर तेरे चेहरे की उदासियाँ पढ़कर
तुझे हँसाने की नादान कोशिशें करते रहना
तेरी आँखों की नमी को मुस्कुराहटों में तब्दील करना
मुझसे नहीं होगा।
तू किसी ख़्वाब-सा आया था नींद में जैसे
जा, गुजर जा किसी पतझड़ की तरह
तेरी यादों में भटकना, तुझे याद करके रोना
मुझसे नहीं होगा।
थामना हाथों को मेरे आदतों में तेरे था
सीने से लगकर रोना भी तेरा झूठ था शायद
तेरे झूठे वादों पर तुझे टूटकर चाहना-बिखरना
मुझसे नहीं होगा।
लौट जा उन किनारों पर जहाँ घर हो तेरा
हार कर तुझ तक बार-हा आना
तुझ पर एतबार करना, तुझे फिर से प्यार करना
मुझसे नहीं होगा।

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3 MAR 2021 AT 20:37

तुम गंगा हो, हम बनारस हैं। हम इंतज़ार करेंगे तुम्हारी लहरों का कि किसी रोज तुम सीढ़ियाँ चढ़ कर आओगी और हमें छू कर कहोगी... "ऐ! बनारस; तुझसे मोहब्बत है।"
तुम वह गंगा बनी रहना जिसे सिर्फ बहना आता है, हम बनारस बने रहेंगे। तुम्हारे एक किनारे पर हमेशा, अपने ख़्वाबों के साथ... तुम्हारे इंतज़ार में। ❤

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23 FEB 2021 AT 10:51

तुम मुस्कुराती रहो और ईश्वर को यक़ीन दिलाती रहो कि - वह है !♥

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