अपनों की खुशियों के लिये खुद की ख़ुशी खोनी पड़ती है
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सबको बोझ सा लगने लगा हूँ न जाने वक्त का क्या वो मुझे जानता नहीं अंजान हूँ सबके लिये बेवजह ही उलझ गया खुद के सवालों में
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देखो मैं यूं ही नहीं कहता मैं अकेला हूँ
मैं बस भीड़ में हूँ अपना सा कुछ लगता नहीं
तिनके से लोग बुझाने की बात तो कहते हैं
बस कहते हैं-
उलझ गया हूँ कुछ उलझनों me, जिंदगी मानो पहेली सी है ' कुछ अपनों को खुश करने में कुछ दूसरों की खुशी के लिये बस खुद को खुद से खरीद चुका हूँ; कीमत का पता नहीं वजूद की खबर नहीं 'बस एहसास है कि जी रहा हूँ '
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Kuch Sawalo Se Ghira Hu.Apno me Kahi. Sab Kuch Daav Par Laga Kr Bhi Kisi Ka Dil Na Jeet Saka.
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दया करना हमारी सबसे बड़ी कमजोरी है'
दूसरों क़ो रोता देख आँसू पोंछना सबसे बड़ी कमजोरी है' लोगों की मदद करने में ध्यान ना हि दे तो हि बेहतर है.
कोई बुरा बोले बोलने दो कुछ भी करो सब अनदेखा करो.-
गूँगे बनो पर अन्धे नहीं'
प्रत्यक्ष दिखता रहे सब बस देखते रहो.
समझते रहो सब समझ आ जाएगा💎-
महँगे से महँगे तोहफे बिका करते हैं,
और महंगी से महंगी खुशियाँ उन्हे ले और देकर भी नहीं मिलती.
वक्त अगर किसी के बेवक्त दे दिया बस फिर और क्या जरूरी देने को.-
दुनिया हद्द से ज्यादा मतलबी है ,
कत्ल करने वाले खुले आम नोचते हैं. कोई किसी का नहीं लेकिन सब बोलने की बातें हैं
मर जाएंगे तो आ जाएंगे गम जाहिर करने,और जनाजे में भी कमियां निकाल देंगे.-