मुद्दतों बाद.. आज फिर वह मुकाम आया,जहां से शुरू किया था.. फिर वही याद आया... -
मुद्दतों बाद.. आज फिर वह मुकाम आया,जहां से शुरू किया था.. फिर वही याद आया...
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वह जमाने गुजरे तो जमाना हो गया,जब खुशी भी हुआ करती थी.. कभी हमारी -
वह जमाने गुजरे तो जमाना हो गया,जब खुशी भी हुआ करती थी.. कभी हमारी
एहसान इतना कर ए- जिंदगी मुझ परसाथ जब भी रहूं, तेरे संग रहूं -
एहसान इतना कर ए- जिंदगी मुझ परसाथ जब भी रहूं, तेरे संग रहूं
उसकी हर आह पर मरते रहे हैं हम, इश्क में यूं ही कोई बदनाम नहीं होता... -
उसकी हर आह पर मरते रहे हैं हम, इश्क में यूं ही कोई बदनाम नहीं होता...
गर्मी अगर लहू में होती, तो मुकाम हासिल होतागर्मी तो गुरूर में थी, कफ़न भी नसीब ना हुआ... -
गर्मी अगर लहू में होती, तो मुकाम हासिल होतागर्मी तो गुरूर में थी, कफ़न भी नसीब ना हुआ...
हमें तो इंतजार है, उन बीते हुए पलों काजो शायद ही कभी, फिर वापस आएंगे... -
हमें तो इंतजार है, उन बीते हुए पलों काजो शायद ही कभी, फिर वापस आएंगे...
इंसान अपनी इंसानियत खो कर भी शर्मिंदा ना हुआखैर, हम तो बे जुबा से ठगे हुए थे... -
इंसान अपनी इंसानियत खो कर भी शर्मिंदा ना हुआखैर, हम तो बे जुबा से ठगे हुए थे...
तुझे अपने से अलग करूं, तो कैसे तुझे चाहूं भी कैसे, तुझे भुलाऊं भी कैसे रग रग में जो बहता है, वो लहू है तू... -
तुझे अपने से अलग करूं, तो कैसे तुझे चाहूं भी कैसे, तुझे भुलाऊं भी कैसे रग रग में जो बहता है, वो लहू है तू...
हस्तियां गुजर जाती हैं इस मिटटी में,कहीं, मैं संगमरमर से तो नहीं बना... -
हस्तियां गुजर जाती हैं इस मिटटी में,कहीं, मैं संगमरमर से तो नहीं बना...
तेरे हुस्न-ए-शबाब का आलम यूं रहा,जिधर मुड़े, मुड़ते चले गए... -
तेरे हुस्न-ए-शबाब का आलम यूं रहा,जिधर मुड़े, मुड़ते चले गए...