हिज़्र में जीना मुश्किल है" कौन है जो ये कहता है,
हमको भी क्या मरना होगा, इस टूटे दिल में दर्द सा रहता है ...
बिना यार कोई कैसे जिए, कौन है जो ये समझाता है,
हमको भी उसका पता बताओ क्या इसी जहां में वो रहता है ...-
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Me likhu bhi to kya likhu mohabbat ko
Ye soch kr meri ankhe bhar hi jati hai
Ke Mohabbat kitni bhi ku na ho
Bister aa kr khatam ho hi jati hai..-
एक अरसा गुज़रा आप से तुम होने में..
एक लम्हा लगा उस तुम को गुम होने में...-
मै किन हालातो मे था
अब मै किन हालातो से गुज़र रहा
ना सबक मिला ना सीख सका
बस रेत के ढेर सा बिखर रहा
मै किन हालातो मे था
अब मै किन हालातो से गुज़र रहा |
अंजान शहर सा हू मै अब
ना मेरा पता ठिकाना ठीक रहा
मुझसे कलम स्याही कहती है
अब तेरे बोल ना कोई समझ रहा
क्यू तू लिखता है जज्बात yaara
इन बातो का ना तेरी, अब मोल रहा ||
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हां मैने अब जीना सीख लिया है
हर गम को अब सहना सीख लिया है
दिल करता भी है सच कहने को
पर झूठ के साथ मे रहना सीख लिया है
हां मैने अब जीना सीख लिया है
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मैं अच्छा नही दिखता हू, यू मालूम है मुझे
पर तेरा सरेआम बदनाम करना भी कोई अच्छी बात नही-
शरारत के लिवास में इश्क़ आया है
कोई शरारत तो होगी
इतनी बड़ी कायनात में हमे तुम ही मिले
कोई बात तो होगी
आज दूर है तो क्या हुआ
पर कभी ना कभी तो हमारे मिलन की रात होगी
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मुझे रातो मे नींद नही आती है, क्या तुम्हे पता है ?
मेरा चैन-ओ-सुकून सब खफा है, क्या तुम्हे पता है ?
ओर जो तुम, यू हसँ हसँ के लोगो से बात किया करती हो
ये देख हमारा दिल जलता है, क्या तुम्हे पाता है ?-
कैसे जीयूगा तेरे बगेर ये सोच कर भी दिल घबराता है
तेरे किये वादे ये दिल कहा भूल पाता है
तुझे पाने का कुछ ऐसा जूनुंन है दिल को
के जिधर देखो हर तरफ बस तू ही नज़र आता है
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Ye kaisa ishq hai,
मुरशद
Use chaiye me hu, or
acha usse woh bhi lgta hai
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