चेहरे सें प्यार होता तों क्या होता...!
रोज एक प्यार बदल जाता और क्या होता...!
मुझें दिल सें अच्छा और साफ लगा...!
तों यादों में रखा लिया...!
वरना जैसे वों भुला...!
वैसे हीं भुला दिया जाता...!
-
इंतज़ार उनका हो रहा हैं...!
जों आपको वक़्त नहीं देना चाहतें...!
तूम उनकों जिंदगी देना चाहतें हों...!
वों तुम्हें वक़्त भी नहीं देना चाहतें...!-
तेरी हीं बातें तों हैं...!
जों खुद सें कर रहा हूँ...!
तेरा दिया वक़्त हैं...!
जों में पन्नों पर लिख रहा हूं...!
तूम वक़्त निकाल कर आयें थे...!
वक़्त बितानें मेरे पास...!
अब मैं भी किसी के इंतजार मैं हुँ...!
वक़्त बितानें के लिए...!
-
तेरा बदल जाना अब चुबने लगा हैं
यें वक़्त सबके लिए हैं
मेरे लिए तूने क्या रखा हैं
-
जिंदगी सलह कार है मेरी
अब किस्से क्या बात करु....!
जब मिलता है वक़्त खुद के लिए जिंदगी में
तों में खुद सें खुद किया बात करु....!-
Dont run to get happiness...!
If it's truth so happiness part of your life ...!-
मैं लिखू तों क्या लिखू...!
जों लिखू सच्चा है...!
तूम मिलें तों क्या मिला...!
जों ना मिला वों भी अच्छा था...!
श्री कृष्ण नें जों लिखा...!
वही सत्य और सच्चा है...!
परिवार में प्रेम अपनों का स्नेह हीं सच्चा है...!-