- और
हर शाख के किस्मत मे न होता पत्तो का होना..
हर पत्ते के किस्मत मे शाख ज़रूर होता हैं ॥-
- और
मुद्दतों बाद मुझे फिर वो शक्स याद आया..
जिसे भूलने में हमें मुद्दतें लगे थे ॥-
- जब दूर ही होना है तो "खुदा" से गुज़ारिश
कैसी..
- माफ कर दो उसको जिसकी ज़रुरत है और
भुल जाओ उसे जो "बेगैरत" है-
- "दर्द" और "गुस्सा" सहने का लहजा अगर
आजाये
तो हर इंसान "खुदा" ना हो जायें...-
- और
एक अरसे बाद आयें हैं हम गलियों मे तुम्हारे..
दीदार गर अब भी न हो तो हम मरना पसंद करेंगे.. ♡
-
- और
ताज़्ज़ूब होती हैं गर अब कोई वफा की बात करता हैं..
मै चुप चाप बस मुस्कुरा के दूर निकल जाता हुँ ❤-
- और
खुद का दिल बहुत दुखाया हैं मैने
आईने मे खड़ा एक शक्स आज हज़ार शिकायत कर रहा था.. ♡-
- और
हमारा हाल तुम भी पुछते हो..
तुम्हे तो मालूम होना चाहिये था.. ♡-
- और
कल घर खाली करते वक़्त कुछ यादें थी उसकी..
कुछ को हाथ तक न लगाया कुछ को ज़ला दिया.. ♡-
- और
किस्से हज़ार थे हमारे उसकी ज़बान पे..
गर हमे दिल मे भी जगह मिल जाता तो क्या बात थी ❤-