Rohan Bisht   (RoHaN_SiNgH_BiShT...✍️)
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Joined 17 November 2018


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Joined 17 November 2018
9 NOV 2023 AT 18:45

एक मौसम प्यार का
एक तेरे इंतजार का
एक झूमती बहार का
एक तेरे ऐतबार का
एक खुशियों की बौछार का
एक रिमझिम सी फुहार का

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28 AUG 2023 AT 21:33

राहों में भी तो पत्थर हैं
बिन ठोकर के भी सीख नहीं,

जो करी मदद थी जिसकी भी
उसको दे दो जो भी वो भीख नहीं,

जिन खेतों में बचपन बीता था
उन खेतों में अब ईख नहीं,

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10 AUG 2023 AT 21:59

दर्द,
तकलीफ,
चुभन,
टूटना,
बिखरना,

ये जो है ना देखा जाए तो सब एक ही है लेकिन इन सबका अपना अलग-अलग महत्व भी है,

जैसे कि जब हमें कोई दर्द देता है तो वो हम सहते हैं अकेले ही अकेले और हम किसी से कुछ कहना भी नहीं चाहते हैं,
बस इसी वजह से ये दर्द हमारा धीरे-धीरे तकलीफ में बदल जाता है फिर हमें उस प्रकार की कोई भी चीज या शख्स हो हमें एक जैसा लगता है और उससे हमें बहुत तकलीफ होने लगती है,
और बात यहीं पर खत्म नहीं होती फिर आती है चुभन हमें ऐसा लगता है कि हमें उस दर्द के तकलीफ की वजह से अंदर ही अंदर चुभन होने लगती है वो चुभन हमें धीरे-धीरे खा जाती है,
जैसे-जैसे ये चुभन बढ़ती है फिर हम अंदर से एकदम टूट जाते हैं फिर ना हमें किसी से बात करना अच्छा लगता है और ना ही उसकी बात सुनने का मन करता है,
इसी तरह से टूटने के बाद ही हम बिल्कुल बिखर कर रह जाते हैं और हम उसी तरह ही रहना चाहते हैं अगर कोई हमें अपने आप में समेटना भी चाहता है तो हम उससे भी दूर रहना चाहते हैं,

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3 FEB 2023 AT 17:21

गहरा दिल में छुपा वो राज है
मुझे तो खुद पे बहुत नाज है
कल को छोड़ जीना आज है
हीरे बिना ना जँचता ताज है

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22 JAN 2023 AT 19:14

याद भी आती है
रात बीत जाती है

दिन गुजर जाता है
वो साथ ना आती है

मैं उसको चाहता हूँ
वो दूर चली जाती है

मैं नाराज होता हूँ
तो वो रूठ जाती है

ख्वाब में जो आती है
मेरी नींद टूट जाती है

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30 NOV 2022 AT 22:33

उनके रात में इशारे
वो हमें समझा रहे
यूँ हल्के से मुस्कुरा रहे
हमको पागल बना रहे
हमें ना होश आ रहे
हम तो खोते जा रहे

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30 NOV 2022 AT 22:28

लब सिले खामोश है
ना मेरा इसमें दोष है
ये इश्क़ ऐसा रोग है
ना मुझको अपना होश है

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30 NOV 2022 AT 22:25

मैं जैसा हूँ ऐसा कोई हो नहीं सकता,


आँखों में आँसू लेकिन रो नहीं सकता,


रातों में जागूँ अब मैं सो नहीं सकता,


सब कुछ है खोया तुम्हें खो नहीं सकता,


तुमसे हूँ दूर पर किसी का हो नहीं सकता,


इश्क़ का बोझ कंधों पे अब मैं ढो नहीं सकता,

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20 JUL 2022 AT 17:11

मैं लिखूँगा,

तेरी बातें,
तेरे लहजे,
तेरे तौर-तरीके,
तेरी मासूमियत,
तेरा साथ घूमना,
तेरा वक़्त बिताना,
तेरा हँसना,
तेरा रूठ जाना,
तेरा पास आना
तेरा दूर जाना,
तेरी खायी कश्में,
तेरा उन्हें भूल जाना,
तेरा हाथों में दीये वादे,
तेरा हाथों को छोड़ जाना,
तेरा यूँ मुझे देखना,
तेरा फिर मुँह मोड़ जाना,
तेरा वो झूठा इश्क़,
मेरा उसमें डूब जाना,
तेरी वो बेवफाई,
मेरा सब भूल जाना,
मेरी सच्ची मोहब्बत,
तेरी रातों में याद आना,
तेरा एक ही शहर में होना,
मेरा फिर भी ना मिल पाना,
तेरे पे लिखी एक किताब,
तेरा उसे ना पढ़ पाना,

मैं लिखूँगा बस तेरा मेरा ना हो पाना,

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19 JAN 2022 AT 18:34

मैं भी ढूंढ लेता तुम्हें अगर तुम खोये होते,
मैं भी चुप करा लेता तुम्हें अगर तुम रोये होते,
मैं भी जगा लेता तुम्हें अगर तुम सोये होते,

अफसोस,

ना ही तुम खोये,
ना ही तुम रोये,
ना ही तुम सोये,

बस बिना कुछ बोले तुमने जो साथ छोड़ा,
थाम कर जो चल रहे वो हाथ यूँ ही छोड़ा,
जाने क्या छुपा था तुम्हारे दिल में जो दिल मेरा तोड़ा,
तुम्हें क्यों जल्दी हुयी अभी तो जान पायी थी मुझको थोड़ा,

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