ये उम्र, ये मजबूरियाँ,ये रोटी के तमाशे फिर आज ले के निकला है पानी और बताशे -
ये उम्र, ये मजबूरियाँ,ये रोटी के तमाशे फिर आज ले के निकला है पानी और बताशे
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कैसे करूँ मैं खुद को तेरे काबिल ऐ जिन्दगी ,हम आदतें बदलते हैं, तो तू शर्तें बदल लेती है ..!! -
कैसे करूँ मैं खुद को तेरे काबिल ऐ जिन्दगी ,हम आदतें बदलते हैं, तो तू शर्तें बदल लेती है ..!!
कैसे करूँ मैं खुद को तेरे काबिल ऐ जिन्दगी,हम आदतें बदलते हैं, तो तू शर्तें बदल लेती है!! -
कैसे करूँ मैं खुद को तेरे काबिल ऐ जिन्दगी,हम आदतें बदलते हैं, तो तू शर्तें बदल लेती है!!
कभी तेरे ना होने कि बेचैनी,कभी तेरे होने का सुकून,ये इंतज़ार भी इश्क़ है,ये इतमीनान भी इश्क़ है,कभी तेरा बन जाने कि ख़ुशफ़हमी,कभी तुझे पा लेने का जुनून,ये इख़्तियार भी इश्क़ हैये इम्तिहान भी इश्क़ है। -
कभी तेरे ना होने कि बेचैनी,कभी तेरे होने का सुकून,ये इंतज़ार भी इश्क़ है,ये इतमीनान भी इश्क़ है,कभी तेरा बन जाने कि ख़ुशफ़हमी,कभी तुझे पा लेने का जुनून,ये इख़्तियार भी इश्क़ हैये इम्तिहान भी इश्क़ है।
पूछ लेते वह मिजाज मेरा।कितना आसान था इलाज मेरा।। -
पूछ लेते वह मिजाज मेरा।कितना आसान था इलाज मेरा।।
कुछ ज्यादा नही जानता मैं मोहब्बत के बारे में,बस इतना है की तुझे देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है -
कुछ ज्यादा नही जानता मैं मोहब्बत के बारे में,बस इतना है की तुझे देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है
जो अर्थ ही ना समझेउनपर शब्द क्या ज़ाया करना -
जो अर्थ ही ना समझेउनपर शब्द क्या ज़ाया करना
काश कुछ जिम्मा तुम भी उठा लेतेटूटने से ना सही बिखरने से बचा लेते.. -
काश कुछ जिम्मा तुम भी उठा लेतेटूटने से ना सही बिखरने से बचा लेते..
क्यों अकेले चलती हो तुम,मुझे पसंद तो है तुम्हारा साथ.. -
क्यों अकेले चलती हो तुम,मुझे पसंद तो है तुम्हारा साथ..
कभी पलकें नीची, कभी साँस गहरी भरनाउसने सिखाया है मुझे उसकी हर अदा से मोहब्बत करना. -
कभी पलकें नीची, कभी साँस गहरी भरनाउसने सिखाया है मुझे उसकी हर अदा से मोहब्बत करना.