मैं करूं या तुम करो ,,
गलत तो गलत ही होता हैं,,
गलती समझ जाएं हम अगर,
सही का रस्ता दिखता हैं।
बात बहुत है समझाने को,
लेकिन इछ्छा आछ्छे की करना होगा,
दिन कटेगा रात हटेगी,
धर्म का साथ सबको देना होगा।-
These all are my own thoughts which come in regular interval ....
But these all... read more
गीता कहती हैं कुछ अच्छी बात,
जन्म से नहीं होता कोई उच्च जात,
प्रणेता भगवान सत्य सनातन है,
प्राणी का कर्म सब से महान हैं।
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आओ सखि जो कहना हैं तुमसे,
कन कन सारा भारत भी सून लेगा,
चरा चर गूंज उठेंगी धरती अम्बर,
थर थर हर मानव दिल भी सुन लेगा
।। ॐ ।।-
स्मरण करता हूं मेरे भोला के प्यारे,
सकल भुवन के तुम पालन हारे,
स्विकार करो नमन हैं कोदंण्ढ धारी,
तुम हो पिता माता देवी सिता के प्यारे ।
।। जय श्री राम ।।-
अर्थ के अर्थात समझिए,
और भाव के भावार्थ को,
जीवन के उद्देश्य पहचानिए,
जैसे शब्द के शब्दार्थ को ।-
अर्थ के अर्थात समझिए,
भाव के भावार्थ को,
जीवन के उद्देश्य पहचानिए,
जैसे शब्द के शब्दार्थ को ।-
याद करुं या तुमसे इबादत ,
तुम ही तो मेरे परीपूरक हो ;
तुम न हो तो ये कैसा जीवन ,
हर धड़कन की तुम अनुवादक हो।-
अर्थ आनर्थ सब महा प्रभु जानी,
जब कुछ न जानी भावार्थ ही मानी,
प्रेम रचित यह चरीत मोह पीड़ा,
दिनानाथ को तेहीं पग पग मानी ।-
मेला लगी हैं गांव में, कितने लोगों का आना जाना हैं,
कुछ रास्ते देख आते हैं, और कुछ रस्ते बना के जातें हैं।-