ρƙ   (ρƙ)
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Joined 7 September 2018


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3 JUL AT 8:48

किताबें शहर से जंगल से फूल लाके दो
हमारे कमरे के दीवारों दर सजा के दो

हमारे ख्वाब में तुम भी हो और गुलाब भी हैं
हमारे ख्वाब में एक आईना लगा के दो

ये मोच आई है मुझे आसमान से गिरने पर
किसी ने कहा था मुझसे की चांद लाके दो

मुझे भी शीशमहल देखने की ख्वाहिश है
मुझे उस आंख तलक रास्ता बना के दो

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25 JUN AT 5:42

लिखते रहे बार बार हम रात भर उनको
पर कलम से भी ना कर सके बयां हम
नजरें ही थम गयी जब मिली नजर उनसे
उन्हें देखने के बाद और देखते क्या हम

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24 JUN AT 14:05

प्रीत तेरे संग लागि मोहे जैसे नदी और नीर
प्रेम का रंग ना उतरे मन से रंग रंग जाये शरीर

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24 JUN AT 6:07

मैं रांझा बनूं तू हीर इतिहास को रचते जा
मैं नभ तू बन जा नीर दिन रात बरसते जा

इस चाँद से चेहरे पर उदासी ना लाया कर
होंठो पे हंसी लेकर यूं गम ना छुपाया कर

जिंदगी दरिया गम का हर राह तू हंसते जा
मैं नभ तू बन जा नीर दिन रात बरसते जा

बिन तेरे इस दिल का हर गीत अधूरा है
गर तुम आओ संग में तो हर ख्वाब पूरा है

मैं सुर तू बन संगीत फिर हंसते हंसते गा
मैं नभ तू बन जा नीर दिन रात बरसते जा

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25 MAY AT 10:57

दरिया दरिया धूल उड़ेगी
फन बंजर हो जाएगा
जिस दिन सूखे दिल के आंसू
सब पत्थर हो जाएगा

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3 MAY AT 20:11

फूल भी देखे कलियाँ भी देखी देखा एक जहां हमने
तुमसा नहीं मिला कोई जाने ढूंढा कहां कहां हमने

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8 MAR AT 10:40

जब तू चांद के करीब लगता है चांद कितना गरीब लगता है
बातों में जाने क्या लगता होगा जिनको देखने में नसीब लगता है

फूल ,कलियां , जुगनू ,तारे , बादल , झरने जाने क्या क्या
तुमसे मिलकर इनका जिक्र करना भी अजीब लगता है

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27 JAN AT 10:45

चुप रहने जगह आप गीत गा रहे हैं माजरा क्या है
बे बात आप मुस्कुरा रहे हैं माजरा क्या है

आप जहां जा रहे हैं वहां से आना मुश्किल है
ये जानते हुए भी आप जा रहे हैं माजरा क्या है

वो यहां हैं ही नहीं तो दरवाजा खोलेगा कौन
आप फिर भी खटखटा रहें हैं माजरा क्या है

जिंदा रहते यहां साथ दे दें लोग वो क्या कम है
आप साथ मरने की कसम खा रहे हैं माजरा क्या है

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6 JAN AT 20:20

मैं राही तु मुकाम मेरा
मैं संज्ञा तु सर्वनाम मेरा

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19 DEC 2024 AT 10:12

शाम ढले उन पर जब फूलों की बरसात होती होगी
कुछ ऐसे नजारे के साथ तेरे शहर में रात होती होगी

फूल उकता गए हैं बाग के बिना तितलियों के
तुम कहना उनसे तुम्हारी तो मुलाकात होती होगी

तेरे देखने से मौसम बदल जाते हैं सुना है
तू हंसता होगा तो क्या बरसात होती होगी

लोग कहते चांद बहुत दूर है यहां से
मगर तुम्हारी तो अक्सर बात होती होगी

कैसे बयां करे कोई ये आंखे ये हंसी ये चेहरा
तुम्हें लिखने में बड़े बड़ों की मात होती होगी

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