नशा तो उसके हुस्न-ए-शबाब का है,
मुफ्त में शराब को बदनाम कर बैठे हैं।
भुलाने गए थे हम उसकी याद को जिस मयखाने में,
वह वहां भी शबाब का इंतजाम कर बैठे हैं।।-
काग़ज़ पर चलती है दस्तक तेरी,
हाथ लिखने को आरज़ू क्या।
बिन मांगे मिली है मोहब्बत तेरी,
करूं भी तो तुझसे गुफ्तगू क्या।।-
आएं हैं तो काटेंगे एक रात तुम्हारी बस्ती में,
चाहोगे तो कर लेंगे दो बात तुम्हारी बस्ती में ।
दिल के सूने आंगन में एक घटा जो तुम बन जाओगी,
तो कर देंगे मोहब्बत की बरसात तुम्हारी बस्ती में।।-
चलो अब छोड़ देता हूं तुमसे उम्मीद मोहब्बत की,
पर ये नाराजगी तुम कब तक चलाओगी।
अगर मुझे कुछ हो गया तो,
क्या तुम मेरी मिट्टी में मुझसे मिलने आओगी।।-
उसके चेहरे पर तो ईंद के चांद से भी ज्यादा नूर है,
मेरे दिल की उसके आगे तो बस जी हुजूर है।
हमने बिताएं तो हैं तुम्हारे साथ मोहब्बत के बहुत पल,
पर वह ईद की रात वाला किस्सा तो सारे जग में महसूर है ।।-
आसमां को देखो तो तारे दिखाई देते हैं,
जमीन में देखो तो सितारे दिखाई देते हैं।
एक बेवफा के प्यार में इतने हुए पागल,
कि सभी हंसते हुए चेहरे रोते दिखाई देते हैं।।-
मत घूर मुझे ए गालिब इस ज़माने में,
सारी उम्र निकल जाएगी मुझे समझ पाने में ।
तू क्या कमबख्त मेरी औकात दिखाएगा,
हम आज भी सरदार है,तेरे ही ठिकाने में ।।
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,वो हमसे दूर था,
करते थे वफ़ा कितनी उससे ।
पर कह न सके उससे जाकर,
ये दिल भी कितना मजबूर था ।।-
याद करोगे तो दिन से रात हो जाएगी,
आईने में देखिए खुद को हमसे बात हो जाएगी ।
शिकवा न करिए हमसे मिलने का,
आंखें बन्द करिए मुलाकात हो जाएगी ।।-
दिल जीत ले वो जिगर रखते हैं,
घायल कर दे वो नज़र रखते हैं ।
वादा किया है किसी से हमेशा मुस्कुराने का,
वरना हम भी आंखों में समंदर रखते हैं ।।-