Chidiya🕊️
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कितना मुश्किल है!
तुम्हारे दिए गए फूल लेकर लौटना...
पहले मोहल्ले की आंटियों की नजरो से बचाना...
फिर घर वालों के...
उसके बाद एक डायरी में छिपाना,
और फिर उस डायरी को सबसे छिपाना....
कितनी बार कहा है "फूल न लाया करो"
कुछ और होता तो कह भी देती "मेरी सहेली ने दिया है"
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लोग काटते होगें प्यार में नशे अपनी...
मैं तो तेरे इश्क में रक्तदान करूंगी...!
❣️❣️❣️-
लोग काटते होगें, प्यार में नशे....
हम तो तेरे इश्क में रक्त दान करेंगे...!!
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मेरे रक्त की एक एक बूंद को...
तंत्रिका तंत्र की हर एक डोर को...
सूक्ष्मदर्शी से देखोगे तो पाओगे...
मेरे हर एक धमनी वा शिरा में...
सिर्फ तुम ही समाये हो...🩺❣️-
ऐसा नहीं है की मैं जलती हूं तुम्हें किसी और के साथ
देख कर और न ही मैं नाराज़ हूं तुमसे ...
बस कभी कभी कुछ भी सही नही लगता,
ऐसा लगता है धीरे धीरे तुम मुझसे दूर जा रहे हो...
और एक बिना मतलब का दर्द लिए बैठी हूं...
जिसे कम करने का मेरे पास कोई तरीका ही नही है...
❤️🥀-
तुम तक बार बार लौटती हूं तो खुद पर गुमान करती हूं।
मैंने कितना प्यारा शख्स चुना अपने लिए...
❤️🥀-
तुम्हारी DP में मेरा मन ऐसे खो जाता है!
जैसे, शर्मा सर के क्लास में कोई बच्चा सो जाता है!
❤️🥀-
लबों तक जो बात आये,
हर वो बात करना जरूरी है क्या?
तुम्हारे बिन मैं एक पल भी नही जी सकती,
हर एक से ये कहना जरूरी है क्या?-