आज ना बड़े दिनों बाद उनसे-
मुलाक़ात सी हुई
वो भी अकस्मात सी हुई
कुछ बात सी हुई
फिर गुस्से की मात सी हुई
दूरी साल सात सी हुई
कुछ तहक़ीकात सी हुई
रुंधे जज़्बात सी हुई
फिर ज़मात सी हुई
फिर रंगी हयात सी हुई
थोड़ी खुराफात सी हुई
कुछ शुरुआत सी हुई
ये मुलाकात दिल में उल्कापात सी हुई...!!!-
बस्तर सा ख़ूबसूरत हूं मैं,
मुझतक पहुंचने के लिए केशकाल की घाटियां चढ़नी होंगी...!!!
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कुछ तस्वीरें ख़ूबसूरत होती है,
कुछ तस्वीरों का होना ही ख़ूबसूरत है...!!!-
गुस्सा, गुरूर, आत्मसम्मान सब रख चुकें है हम ताक़ पर,
किसी के गलत फैसले को सही करने नाक रगड़ी है हमने खाक़ पर...!!!-
मुताल'अ किया अपनों का तो दूर हुआ औहाम,
क़बा से हीर, जबां से मीर, दिल कुदूरत से भरा, बिका था ज़मीर...!!!-
"मौत"
आ जाओ, और कितना इंतज़ार करवाओगी
सब तो मैंने देख लिया, और क्या क्या दिखलाओगी
वो जो तुमसे पहले आती है ना
अरे क्या कहते हैं उसे, हां ज़िन्दगी !
बड़ी बेकार और सुखी सुखी सी है
सुना है तुमसे हसीन तो कुछ भी नहीं है।
सुना ही है कही कहाई बातों को।
तुम हसीन ही होगी तभी तो कोई आता नहीं तुम्हारे पास से,
बयां करने को तेरे जलवे।
तुमसे मिलकर ही जानेंगे, क्या सुना हुआ सच होता है।
अरे अब देर ना करो, कहा ना देर ना करो
आ भी जाओ, और कितना इंतज़ार करवाओगी
सब तो मैंने देख लिया, और क्या क्या दिखलाओगी...!!!-
ना उर्दू में ना हिंदी में,
वो मेरा इश्क़ समझती है चंद बिंदी में...!!!-
जो रखती थी ख़्याल यहां मेरे उठने से लेकर सोने तक का,
अब मैं "उसको" अपने ख़यालों में ही रखा रहता हूं...!!!-