दिन बीत गया चाँदनी ये रात है आई दिल क्यूँ है मगर अब भी तलबगार तुम्हारा -
दिन बीत गया चाँदनी ये रात है आई दिल क्यूँ है मगर अब भी तलबगार तुम्हारा
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लौटकर आने को जिससे कह गया गाँव का वो घर अकेला रह गया -
लौटकर आने को जिससे कह गया गाँव का वो घर अकेला रह गया
मुलाक़ात उनसे हुई भी नहीं हैमगर धड़कनें दिल की बढ़ने लगीं हैं -
मुलाक़ात उनसे हुई भी नहीं हैमगर धड़कनें दिल की बढ़ने लगीं हैं
शज़र की पत्तियों ने कह दिया है न काटो टहनियों ने कह दिया है 1किया इज़हार तुमने फ़ोन पे जो तुम्हारी झुमकियों ने कह दिया है 2निगाहों से ज़माने की छुपाकर तुम्हारी झलकियों ने कह दिया है 3मिलोगी शाम को छत पर यहीं तुम हमें ये सीढ़ियों ने कह दिया है 4गिरीं है आज वो दिल पे किसी के कड़कती बिजलियों ने कह दिया है 5बरस जाएँगी सूखे खेत पर वोये घिरती बदलियों ने कह दिया है 6"रिया" जो कह न पाई खुल के तुमसे खनकती चूड़ियों ने कह दिया है 7 -
शज़र की पत्तियों ने कह दिया है न काटो टहनियों ने कह दिया है 1किया इज़हार तुमने फ़ोन पे जो तुम्हारी झुमकियों ने कह दिया है 2निगाहों से ज़माने की छुपाकर तुम्हारी झलकियों ने कह दिया है 3मिलोगी शाम को छत पर यहीं तुम हमें ये सीढ़ियों ने कह दिया है 4गिरीं है आज वो दिल पे किसी के कड़कती बिजलियों ने कह दिया है 5बरस जाएँगी सूखे खेत पर वोये घिरती बदलियों ने कह दिया है 6"रिया" जो कह न पाई खुल के तुमसे खनकती चूड़ियों ने कह दिया है 7
मानसिक गुलामी को छोड़ कर निकल जाओ दूसरों की बातों में बेसबब नहीं आओ -
मानसिक गुलामी को छोड़ कर निकल जाओ दूसरों की बातों में बेसबब नहीं आओ
किया इज़हार तुमने फ़ोन पे जो तुम्हारी झुमकियों ने सुन लिया वो -
किया इज़हार तुमने फ़ोन पे जो तुम्हारी झुमकियों ने सुन लिया वो
मुहब्बत जब भी होगी वो तुम्हें अपना पता देगी -
मुहब्बत जब भी होगी वो तुम्हें अपना पता देगी
वो जब मिला तो दूसरा इंसाँ मुझे लगा हर आदमी का रंग बदलता हुआ दिखा -
वो जब मिला तो दूसरा इंसाँ मुझे लगा हर आदमी का रंग बदलता हुआ दिखा
अपना किरदार निभाने के लिए आ गए फिर से ज़माने के लिए है कहानी नई किरदार वही हम भी तैयार थे आने के लिए -
अपना किरदार निभाने के लिए आ गए फिर से ज़माने के लिए है कहानी नई किरदार वही हम भी तैयार थे आने के लिए
सबेरे घास पे चलने के बाद आती हैचमक ये मुझमें टहलने के बाद आती है 1ठिकाने कौन इसे ला सका है बतलाओ ये अक़्ल गिर के सँभलने के बाद आती है 2है बादलों से ग़ुज़ारिश कि जम के बारिश हो ये तेज़ धूप निकलने के बाद आती है 3 सफ़ेदी बालों में अब तो कभी भी आ जाए नहीं ये उम्र के ढलने के बाद आती है 4"रिया" है देश में होने को इक नई क्रांति जो सबका खून उबलने के बाद आती है 5 -
सबेरे घास पे चलने के बाद आती हैचमक ये मुझमें टहलने के बाद आती है 1ठिकाने कौन इसे ला सका है बतलाओ ये अक़्ल गिर के सँभलने के बाद आती है 2है बादलों से ग़ुज़ारिश कि जम के बारिश हो ये तेज़ धूप निकलने के बाद आती है 3 सफ़ेदी बालों में अब तो कभी भी आ जाए नहीं ये उम्र के ढलने के बाद आती है 4"रिया" है देश में होने को इक नई क्रांति जो सबका खून उबलने के बाद आती है 5