कसूर दिल का है, या उनकी सादगी ही सही कि ये नजरें उनके सिवाये कहीं और टिकती ही नहीं!
समुंदर कम पड़ेगा डूबने के लिए की मै उसकी आंखों मे कुछ इस कदर डूब चुकी हु! और क्या कहाँ था उसने, की मै उसकी मौहौबत हू मैं तो उसे पूरी ज़िन्दगी मान चुकी हू!!
वक़्त तो आज भी तुम्हारा ही है, सायद तुमने घड़ी बदल दी चेहरा तो आज भी वही हैं, सायद तुमने मंजिल बदल दी!!