सब कहते है बहुत कम बोलती है वो,
शायद कुछ उसे घमंडी भी कहते होंगे,
पर कोई भी नहीं जनता उसके मन मे चल रहे हलचल को,
हाँ लफ्ज़ बहुत कम निकलते उसके होंठो से,
लेकिन मन में अंगिनत बातों का जो सैलाब उमड़ रहा होता है .. उससे तो सिर्फ वही रूबरू होती है,
मैंने परखा है उसे, बहुत बातुनि है,
कभी भी उसका मन शांत नहीं होता है,
बहुत बातें करती है पर ख़ुद से ही,
शायद उसे विश्वास नहीं है किसी पर भी,
शायद वो जानती है कोई सच्चा सुनने वाला नही है ,
वो सिर्फ शांत होकर हर एक को परखने की कोशिश करती है,
वो हैरान हो जाती है लोगों को देखकर कि कैसे वे बातों को तोड़ मरोड़ कर नया रूप दे देते है,
वो इस कला को नहीं जानती है इसलिए शायद चुप ही रहना पसंद करती है।-
Riya kumari🇮🇳
(रिया कुमारी)
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Joined 20 June 2020
15 OCT 2022 AT 23:43
29 JUN 2022 AT 20:18
Kabhi khabhi m apne aasu se puchhti hu ki khi ye jhoothe to nhi h...
Pr khyal aata h jhoothe hote to itni aasani se nhi niklte-
22 APR 2022 AT 23:36
मेरे आसूं मेरे सबसे सगे से लगते है मुझे
हमेशा मेरे दुख को हलका करने सबसे पहले आ जाते है-
12 SEP 2021 AT 20:16
मेघ चाँद को ढकने में लगे हैं,
चाँद की गति से बिल्कुल अनजान,
अपनी गर्जन से,
क्षणिक खुशियों का ऐलान कर रहे हैं!-
6 APR 2021 AT 0:09
कभी कभी फटें मटमैले कपडों वालों की हँसी भी बेशकीमती होतीं हैं।
जिसे सुट बुट पहनने वाला अपने लिए चाहकर भी नहीं खरीद सकता॥-
3 APR 2021 AT 23:51
पता नहीं उम्र बढ़ रही थी या घटते चला जा रही थी
खवाहिशें भी तो घट रहीं थी और तजुर्बा बढ़ता ही चला जा रहा था॥-
3 APR 2021 AT 23:28
एक इश्क़ ऐसा भी
न कोई बातें न कोई इज़हार
आखों से आखों तक हो जाएं बयां
बस इतनी सी है दरकरार॥-