इक तेरे होने के एहसास से ज़िंदा हूं मैंलोगों को लगता है कितना पेचीदा हूं मैं -
इक तेरे होने के एहसास से ज़िंदा हूं मैंलोगों को लगता है कितना पेचीदा हूं मैं
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Kabhi yun bhi ho mere khwaab meEk lamha mujhe tu nawaz deMujhse meri raat tu maang leMujhe apni neendein tu udhaar de -
Kabhi yun bhi ho mere khwaab meEk lamha mujhe tu nawaz deMujhse meri raat tu maang leMujhe apni neendein tu udhaar de
कुछ इस तरह से गुज़र रही है जिंदगी अपनीतू भी कई दिनों से नहीं रूठी और मैंने भी शिकायत नहीं की -
कुछ इस तरह से गुज़र रही है जिंदगी अपनीतू भी कई दिनों से नहीं रूठी और मैंने भी शिकायत नहीं की
रूठ जाने का सबब बन गया हूं मैंसूखे पत्तों सा बिखर गया हूं मैंतुम मुझे ज़िंदगी से न मिलाओअंदर-ही-अंदर मर गया हूं मैंनहीं होना मुझे रौशनाई से रूबरूस्याह अंधेरे से पूरा भर गया हूं मैं.... -
रूठ जाने का सबब बन गया हूं मैंसूखे पत्तों सा बिखर गया हूं मैंतुम मुझे ज़िंदगी से न मिलाओअंदर-ही-अंदर मर गया हूं मैंनहीं होना मुझे रौशनाई से रूबरूस्याह अंधेरे से पूरा भर गया हूं मैं....
कलेजा चाहिए इश्क़ में खुद को मारने के लिएयूं तो कई हैं दुनिया में जो दीवाने बने फिरते हैं -
कलेजा चाहिए इश्क़ में खुद को मारने के लिएयूं तो कई हैं दुनिया में जो दीवाने बने फिरते हैं
आख़िर उनको ख़बर लगती भी तो कैसेहमने कभी किसी से कुछ कहा ही नहींहो सकता था कि शायद उन्हें भी मोहब्बत होकमबख्त हम थे कि हमने उन्हें कभी सुना ही नहीं -
आख़िर उनको ख़बर लगती भी तो कैसेहमने कभी किसी से कुछ कहा ही नहींहो सकता था कि शायद उन्हें भी मोहब्बत होकमबख्त हम थे कि हमने उन्हें कभी सुना ही नहीं
कुछ अधूरा रह गया है इस अफसाना-ए-उल्फत मेंजो तुमसे कहना चाहते थे वो दिल में है आज तक -
कुछ अधूरा रह गया है इस अफसाना-ए-उल्फत मेंजो तुमसे कहना चाहते थे वो दिल में है आज तक
दिसंबर की आखिरी रात है अब आ भी जाओकहीं ये सर्द हवाएं मुझे लेकर न चली जाएंकहीं ऐसा न हो वस्ल-ए-शब की ख्वाहिश मेंकि तुम आओ तो हम कुछ कह न पाएं -
दिसंबर की आखिरी रात है अब आ भी जाओकहीं ये सर्द हवाएं मुझे लेकर न चली जाएंकहीं ऐसा न हो वस्ल-ए-शब की ख्वाहिश मेंकि तुम आओ तो हम कुछ कह न पाएं
जो समझता था कि खो गया हूं यहां भीड़ में मैंमहफ़िल जब खत्म हुई थी तो पास कोई ना था -
जो समझता था कि खो गया हूं यहां भीड़ में मैंमहफ़िल जब खत्म हुई थी तो पास कोई ना था
जो मैंने चाहा वो मिला नहींमुझे इस बात का गिला नही सैकड़ों घर हैं जल चुके एक हम जले तो कोई मस़अला नहीं -
जो मैंने चाहा वो मिला नहींमुझे इस बात का गिला नही सैकड़ों घर हैं जल चुके एक हम जले तो कोई मस़अला नहीं