Iss Kadar tum ne Jaam ko Bikhera Ki Jaam bhi shochta hai Ki iss ke Gale me Uutru kaise Saam ए mafil me Jaam Ladaye to Ladaye kaise. Jindigi kuch bewfa si ho gyi hai Jindigi me sukun lau too lau kaise. Pyar aur jindegi do anmol Chiz hai Isse nibhau too nibhau kaise
अपने अल्फाजों को मेरे दिलों में समा लेने दो, कुछ बीते हुवे पलो को यू गुजार लेने दो| कुछ हफ्तों के बाद तुम्हें यू याद किया है, अपनी चाहत की मासूमियत से भरी चमचमाती हसीं वादियों में हमें भी खो जाने दो #ritvikराय
कितने सच्चे थे, जब हम बच्चे थे। उमर बढ़ी ज्यों प्यास बढ़ी, यार दोस्तों से जुड़ी कड़ी, हमराही से आँखें लड़ी, परिवार बढ़ा घरवार बढ़ा, धन दौलत की आस बढ़ी, अबतो समझो लुच्चे थे। कितने सच्चे थे, जब हम बच्चे थे।