दफ़न कर ले तू, मेरी मोहब्बत को दिल में कहीं,
तजुर्बा है तुझे बहुत, बहुतों को दफनाने का !!-
शिकायतें तो गैरों को होती होंगी,
हमें तो तुम्हारा बस वहम ही होता है !!— % &— % &-
दरक कर बिखर गया है दिल, पहाड़ के जैसा,
तिरे आने के सारे रास्ते भी, बंद हो गये हैं !!-
शिकायत करूं तो गैरों से क्या करूं,
पानी में लगी आग, खुद समुंदर ना बुझा सका !!-
उम्र के पन्ने, पलटें कई हैं मैंने,
कुछ पन्नों को हक़ीक़त में सजाया है,
जो पन्ने उम्र के साथ गुम हो गए,
उनको ख्वाबों बनके, जलाया है !!-
मैं सच बोलूंगा एक दिन,
उन सबको जिन्हें मैं जानता हूं,
तब बोलूंगा जब लगेगा मुझे कि,
जरूरत नहीं है किसी की,
अकेलेपन के साथ ही जीना होगा,
तब तक खामोश हूं मैं,
मुझे ज़रूरत है सभी की !!-
मिरे अपने मुझे सताने में लगे हैं,
वो ही लोग अब मुझसे, कमाने में लगे हैं,
जो दोस्त चले आते थे मेरी आवाज सुन के,
वो अब अपने कदम, जमाने में लगे हैं !!
जो लोग मेरी आवाज सुनके, मुस्कुराते थे,
वो अब मेरी आवाज से, करहाने लगे हैं,
जो ज़माने के डर से, कभी डर जाया करते थे,
वो अब हौसलों को देख मुझे, डराने में लगे हैं,
जो खाली जेब देखकर, दूर हो जाते थे,
वो अब सिक्कों की खनक से, मनाने में लगे हैं !!-
कुछ यादें धुंधली सी, कुछ ने घावों से घेरा है,
ए हुजूर, बताओ तो यादों पर किसका पहरा है
इक पल ठहरे, घावों पर मरहम लगा, चल दिए,
वो पल उसका ठहरना भी, ज़ख्मों से बड़ा गहरा है !!-
मोहब्बत का मुझको सहारा मिला है,
डूबी हुई किश्ती को किनारा मिला है,
कोशिश बहुत कि समुंदर ने डूबोने की,
किनारे का जवाब उसको करारा मिला है !!-