Ritu mishra   (✍️Daddy's_lil_girl)
32 Followers 0 Following

👉ςίʍԹlε ʆίѵίηɡ.
👉հίɡհ tհίηƘίηɡ.
👉kαrmα вєlíєvє... #drєαmr.
👉ʆσѵε ѕímplícítч.
Joined 20 May 2018


👉ςίʍԹlε ʆίѵίηɡ.
👉հίɡհ tհίηƘίηɡ.
👉kαrmα вєlíєvє... #drєαmr.
👉ʆσѵε ѕímplícítч.
Joined 20 May 2018
2 SEP 2019 AT 19:08

Kyun bharosa karata hai...
Gairon par,
Jab chalana hai tujhko apne hi pairon par.

-


22 FEB 2019 AT 16:14



Success is the sum of small efforts, 
repeated day in and day out.

-


18 NOV 2018 AT 23:10

मंज़िल से ज़रा कह दो,
अभी पहुँचा नहीं हूँ मैं,

मुश्किलें ज़रूर हैं,
मगर ठहरा नहीं हूँ मैं!!

-


16 NOV 2018 AT 5:57

Don't be pushed around by  the fears in your mind. 
Be led by the dreams in 
your heart

-


26 OCT 2018 AT 21:13

Don't just accept where you are at in life. If you want to be better, do better. If you want to be more, do more. It's all on you. Do it!


-


22 OCT 2018 AT 19:06

यदि हमारा जीवन अच्छा है,
तो समय भी अच्छा है।
हम अपना समय खुद बनाते हैं,
जैसें हम होते हैं,वैसा ही समय होता है।

-


17 OCT 2018 AT 20:43

लाख दलदल हो पैर जमाएं रखिये,
हाथ खाली ही सही ऊपर उठाएं रखिये!
कौन कहता हैं छलनि में पानी रुक नही सकता,
बर्फ बनने तक हौसला बनाये रखिये!!

-


30 SEP 2018 AT 7:33

With the new day comes new strength and new thought.

-


29 SEP 2018 AT 12:10

मुठ्ठी में कुछ सपने लेकर, भरकर जेबों में आशाएं ।
दिल में है अरमान यही, कुछ कर जाएं… कुछ कर जाएं… । ।
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे ।
सूरज-सा तेज़ नहीं मुझमें, दीपक-सा जलता देखोगे…
अपनी हद रौशन करने से, तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे… । ।
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है…
मैं उस माटी का वृक्ष नहीं जिसको नदियों ने सींचा है …
बंजर माटी में पलकर मैंने…मृत्यु से जीवन खींचा है… ।
मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ… मैं पत्थर पर लिखी इबारत हूँ ..
शीशे से कब तक तोड़ोगे..
मिटने वाला मैं नाम नहीं… तुम मुझको कब तक रोकोगे… तुम मुझको कब तक रोकोगे…।।
इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है…
इस जग में जितने ज़ुल्म नहीं, उतने सहने की ताकत है ….
तानों  के भी शोर में रहकर सच कहने की आदत है । ।
मैं सागर से भी गहरा हूँ.. मैं सागर से भी गहरा हूँ…
तुम कितने कंकड़ फेंकोगे ।
चुन-चुन कर आगे बढूँगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोकोगे..।।
झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..
झुक-झुककर सीधा खड़ा हुआ, अब फिर झुकने का शौक नहीं..
अपने ही हाथों रचा स्वयं.. तुमसे मिटने का खौफ़ नहीं…
तुम हालातों की भट्टी में… जब-जब भी मुझको झोंकोगे…
तब तपकर सोना बनूंगा मैं… तुम मुझको कब तक रोकोगे…तुम मुझको कब तक रोक़ोगे…।।

-


25 SEP 2018 AT 10:47

एक इंसान की सबसे बड़ी भूल ये होती है की वो सब कुछ जानता है !!


-


Fetching Ritu mishra Quotes