कयामत तक साथ चलेंगे सोहबत के लिए
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चुनिन्दा भटके हुए ख्याल;
जो कागज़ पर उतर आयें
उठेंगी उंगलियाँ और सवाल;
लुकछिप ये खेल खेलें
ख्वाब-महफ़ूज़ रखें सम्भाल;
खुफ़िया खज़ाने की होगी कहां
ऐसी नायाब मिसाल...
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नटखट बचपन के खेल
अल्हड़ यौवन के मेल;
भद्र-पचपन का भार
अधेड़-सांझ सांसों का सार;
खुशी, चुलबुल की लहर
क्रोध, लोभ, द्वेष का ज़हर;
कामयाबी का जुनून
इन्सानियत का खून;
इन आँखों ने गवाही दी है
वक्त की पारसाई की है...-
खुदाई की मोहर-ए-खास, जन्नत का ठिकाना
ज़िन्दगी की रूह-ए-आब, शायरों का फ़साना
प्यार, बेताबी की इन्तिहा, नायाब खज़ाना...-
तितर-बितर उसकी हरकत;
तमतमाते गाल, थर्राती ज़ुबान
घबराई नब्ज की करें शिरकत;-
धरती पर सैलानी
मुकद्दर है पैदाइश का
धरती पर बने सैलानी
किसी की किस्मत में गुरबत
किसी का राजमुकुट अभिमानी
हिम्मत-ए-मरदां हिम-चोटी फ़तह
कमज़ोर डूबे चुल्लू भर पानी
सूरमा मानव-भविष्य उज्जवल करे
निर्बल मनुष्य की फ़ितरत आनाकानी
सैलानी जीवन का है ये सबब
राजा, रंक या रानी...
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जन्नत के चारागाह पे इन्सानियत लहू-लुहान,
किस मज़हब की है कुर्बानी, किस खुदा की शान?
शर्मिन्दा वादियां, शर्मसार श्मशान...
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मतवाला निबाह
चांद हुआ गुमनाम,
चांदनी भटके गुमराह;
कालिमा की शाम,
सितारे भरें आह;
समन्दर का जाम,
मौज-लबों की चाह;
इस प्यास का नाम,
मतवाला निबाह;
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