याद है ना पापा जब स्कूल छोड़ने जाया करते थे,
छुट्टी होने पर फिर मुझे लेने भी आया करते थे।
वहीं बाहर इंतज़ार करते दूर से देख मुस्काते थे,
दौड़ कर आती थी मैं तब आप गोद में उठाते थे।
धीरे-धीरे मेरे बड़े होने पर कुछ चीजें बदल गयीं,
स्कूल जाने के लिए अब स्कूल वैन आने लग गयी।
उस सफर में पापा आपकी बहुत याद आती थी,
पुराने स्कूल की यादें भी अक्सर बहुत रुलाती थीं।
बदलाव करने पड़ते हैं समयानुसार आप बताते हैं,
हमेशा सही राह पर चलना मुझको आप सिखाते हैं।
अपने ग़मों को भूल कर सभी को खूब हँसाते हैं,
सभी के पापा अक्सर अपने दुख-दर्द छिपाते हैं।
हँसते हम बच्चों के चेहरे देख आप खिलखिलाते हैं,
कहने की कहाँ ज़रूरत बिन कहे ही समझ जाते हैं।
बच्चों के साथ कभी-कभी बच्चे जैसे बन जाते हैं,
पापा सदा बच्चों को अपने हर मुसीबत से बचाते हैं।
मतलबी दुनिया में सभी मतलब के रिश्ते निभाते हैं,
जिसे आज अपना कहते हैं कल पराए हो जाते हैं।
ज़रा भी ठोकर लगती है तो आप संभालने आते हैं,
भगवान के रूप में बच्चों को पापा मिल जाते हैं।
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