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Ritik Yadav
(रितिक यादव)
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फ़तेहपुर (उ.प्र.)
लेखक अपनी कलम तभी उठाता है जब उसकी संवेदनाओ पर किसी ने चोट की हो 🖋🖋
मेरी ... read more
लेखक अपनी कलम तभी उठाता है जब उसकी संवेदनाओ पर किसी ने चोट की हो 🖋🖋
मेरी ... read more
Joined 19 April 2020
27 MAR 2022 AT 11:51
एक दिन में सदी का मजा हम से पूछिये
किश्तों में खुदखुशी का मजा हमसे पूछिये-
8 FEB 2022 AT 16:01
मेरी आंखों ने ख्वाब पाले हैं
कई मुद्दत से उनको संभाले हैं
दिल में है जो भी कह सकें न कभी
एक "हाँ"अपनी "ना" के हवाले है— % &-
25 DEC 2021 AT 21:39
तेरी यादें जो तुमसे भी बेहतर लगी
नींद आंखों में थी रात भर फ़िर जगी
मैने पलको में तुमको बसा है लिया
कितनी पाकीजा है ये मेरी दिल्लगी-
14 SEP 2021 AT 20:50
सौम्य सी अभिव्यक्ति का आधार है हिन्दी
इश्क़ है उर्दू अगर तो प्यार है हिन्दी
कहने को तो कह दिया सबने यहाँ अपनी जबाँ
'हम हैं हिन्दी' बस यही संस्कार है हिन्दी-