अपने ही घर में मेहमान बनकर आना जाना शुरू हो गया जब से कमाना शुरू हुवा
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Ritik arya
(रितिक आर्य)
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Joined 2 June 2019
26 FEB 2020 AT 13:16
23 FEB 2020 AT 19:01
जानता हूँ तुम्हे खो चुका हूं,
लेकिन तुम्हे खो देने का डर अब भी रहता है-
23 FEB 2020 AT 19:00
रुतबा कम है मगर लाजवाब हे मेरा जो हर किसी के दर दस्तक दे वो किरदार नही मेरा
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23 FEB 2020 AT 18:57
किसी से उम्मीद भी रखो और शिकायतें भी ना हो..ऐसा बिल्कुल नहीं होता..!! ❤️
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23 FEB 2020 AT 16:43
"लोग जेब में चेहरे लिए चलते हैं ! किसी के जैसा बनने की कोशिश बेमानी है"।
😊😊☺️-
16 FEB 2020 AT 11:49
दुनिया सीखा देती है मक्कारिया वर्ना।।
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पैदा तो हर कोई साफदिल ही होता है।।
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