Ritesh Singh   (✍Ritesh Singh 'Rit'©️)
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Joined 5 July 2021


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Joined 5 July 2021
8 AUG AT 21:11

कि चाहत कितनी है तुम्हारे लिए दिल में, ज़ाहिर करने शब्दों का अभाव है ,
करके स्वीकार दे दो प्रेम अनुमति ,ये गुलाब नहीं...मेरा प्रेम प्रस्ताव है ।

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7 AUG AT 23:54

मुख चंद्रमा ,अधर मृदु , यौवन संदल रहा विकीर्ण ।
कपोल लालिमा देख कुन्तल पयोधर ,सर्व इंद्रिय रहा शीर्ण ॥

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5 AUG AT 23:47

समंदर सी आंखों का मैंने गहराई...देखा है ² ,
शाखों सा लिपटे हुए जिस्मों जां अंगड़ाई...देखा है ,

सांसों में तपन , लबों पर आहें मौजूद-ओ-मयस्सर ² ,
आगोश में इक-दुजे के सिमटते परछाई...देखा है ,

सहमें से जज़्बात जो रह जाते तेरे निशा में अक्सर ² ,
रुख़्सार पर सुबह तलक होते उसे शरमाई...देखा है ,

और रहने दो यूं ही बुझा शमाओं को ख़्वाब गाहों में ² ,
तिरगी में बेफिक्र घुलता हमनवां आशनाई...देखा है ,

फूलों की फितरत खिल सहर रात बिखर जाने की ² ,
कि शब बाहों में खिलते हुए सहर मुरझाई.... देखा है ।

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4 AUG AT 20:42

कि मौसिम सा रखते हो मिजाज़ मेरे साहिर ² ,
कभी सांसों में गर्माहट तो कभी अपने जुल्फ़ों में छांव रखते हो ।

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3 AUG AT 16:38

" Friendship not only heals wounds ,
but
also erases all pain " .

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3 AUG AT 12:52

मित्रता दिवस की ढ़ेर सारी शुभकामनाएं


🤝🤝🫂💐🍫🍫🍫🥳



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2 AUG AT 7:41

सुनो !
मुझे जिंदगी से प्यार है
मेरा प्यार हो तुम ।



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31 JUL AT 19:39

दिन बीत जाने के बाद याद आई 🙇 ,
अच्छी नहीं है संग-दिल, ये तेरी रुसवाई 😒 ,
हम आठों पहर सिर्फ तुझे ही करते हैं याद 🙄 ,
तू क्यों ना करती सुबह के वक्त लेते हुए अंगड़ाई 🤷।

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29 JUL AT 20:56

स्वीकार हो तुम मुझे उसी परिधान में ______🪻





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27 JUL AT 12:39

जिसने जैसा समझा हमें ,
उसने वैसा वफ़ा किया ,

मन हुआ तो किया मोहब्बत ,
ना मन हुआ तो ख़फ़ा किया ,

जरूरतों पर अक्सर बटता रहा मैं ,
अपने ही तरीकों से सबने जफ़ा किया ,

कभी अपनाया, कभी गले लगाया ,
भर गया दिल , तो फिर दफ़ा किया ,

भूला कर सारी सब की चुभती बातें ,
फिर भी दर्द-ए-आह मैंने सफ़ा किया ।

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