Ritesh Singh   (✍Ritesh Singh 'Rit'©️)
614 Followers · 47 Following

read more
Joined 5 July 2021


read more
Joined 5 July 2021
5 OCT AT 21:21

जब अपनों से ही मिले हो ज़ख्म ,
तो फिर गैरों को दिखाया नहीं करते ,

आंखों में देकर मोहब्बत के आंसू ,
रक़ीब के बाहों में मुस्कुराया नहीं करते ,

टूट जाते है इश्क़ में अक्सर जिनके भरोसे ,
चाह कर भी फिर कहीं वो प्रेम लुटाया नहीं करते ,

जीते हैं जो दिलों में जज्बातों का लेकर समंदर ,
धड़कनों से उनके खेल ,उन्हें आजमाया नहीं करते ,

और उजाड़ कर बाग से किसी फूल की जिंदगी ,
महबूब के गेसुओं को यूं सजाया नहीं करते ,

अलहदा तपिश में जो जलता है रात भर ,
गैरों से कर गुफ़्तगू ' रितेश ',उसे और जलाया नहीं करते ।

-


15 SEP AT 19:40

दो चाहने वालों के मध्य खाई गई कसमें और किए गए वादों का साक्षी ।

-


14 SEP AT 20:19

दर्द देखा ,उदासियां देखीं ,
देखीं शहरों की मजबूरियां भी ,
घिसे हुए चप्पलों को ना देखा किसी ने ,
ना देखा किसी ने अपनों से मिलों की दूरियां भी ।

-


12 SEP AT 20:58

काश फूल

-


27 AUG AT 19:42

हे दुखहर्ता!हे सुखकर्ता!आते हैं आप भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी,
इस बार कर दीजिए ना सबकी,नेकियों वाली मनोकामना पूर्ति ।

-


27 AUG AT 12:33

लेखकों व पाठकों को सूचित किया जाता है ,
कि बहुत सी चीजों को मध्य नजर रखते हुए व चिंतन मनन करने के पश्चात् मेरे द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि अब से रचनाओं पर प्रतिक्रिया देने में असमर्थता व्यक्त करता हूॅं ।
पंक्तियों पर Like के तौर पर ही मेरा स्नेह समझा जावे 🙏☺️
और अपना प्रेम बनाए रखें 🤗

-


24 AUG AT 23:48

" भविष्य का उजियारा "



अनुशीर्षक में : -

-


23 AUG AT 23:43

अनुशीर्षक में...

-


22 AUG AT 23:26

अनुशीर्षक में...

-


21 AUG AT 23:52

अनुशीर्षक में ...

-


Fetching Ritesh Singh Quotes