Ritesh Sakate   (Ritesh)
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एक शायर हूँ ✍🥀
Writer, student of commerce,
Musician Sufi🎼🙏🚩आम्ही महाराष्ट्रीयन 💪
Joined 6 March 2020


एक शायर हूँ ✍🥀
Writer, student of commerce,
Musician Sufi🎼🙏🚩आम्ही महाराष्ट्रीयन 💪
Joined 6 March 2020
3 APR 2022 AT 23:44

किती अवघड असतं ना?

अनोळखी बागेतल्या गुलाबाला तोडणं
आणि नंतर त्यालाच पुस्तकात कोंडनं
मनाची काच हळूहळू फुटतच असती
कशाला पण उगाच दगडाला हात लावणं

मनाच्या वाटा पण तशाच काहिशा
भावनेच्या चौकटी आणि काटेरी बगिचा
पण प्रेमाला आंधळं आभाळच दिसतयं
म्हणून काय कागद फाडता त्या कवीचा

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27 MAR 2022 AT 23:54

बेरोजगारी 🥀

युवाओं की सभ्यता अब कहाँ है
अज्ञात वो योद्धा सब कहाँ है
न जाने कौनसा ग्रहण है उनपर
विश्वगती का परिणाम है सबपर

बेरोजगारी की महामारी फैली हुई है
अंधकार में कई तस्वीरें मैली हुई है
अब नेताओं का व्यापार है चरमसीमापर
और देश का भविष्य है मौनरेखापर

~रितेश▪️

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8 MAR 2022 AT 9:10

आत्मविश्वासाच्या बिया पेरण्यासाठी
या जगात नवचैतन्य राखण्यासाठी
खरंतर तिच्या पंखांना आधार आहे कमीच
पण ती सतत भरारी घेते स्वविकासासाठी

तिचा जन्म काहितरी करण्यासाठीच असतो
जगाच्या पाठीवर उंच झेप घेण्यासाठीच असतो
म्हणूनच एक सलाम पाहिजे तिच्या कर्तुत्वासाठी
म्हणूनच एक सन्मान पाहिजे तिच्या मातृत्वासाठी

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24 JAN 2022 AT 18:48

तुम उस प्रेमानंद का ख्वाब हो
मेरे कागज में लिपटा गुलाब हो
शब्दों की मधुरमाला ही सहीं
न जाने कौनसी किताब हो

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24 DEC 2021 AT 9:57

मेरे कहाणी का हर किरदार तुम्हारा है
धुप में छाँव की तरह एहसास तुम्हारा है
न जाने मौसम क्यो है बेरंग आजकल
मेरे पेहले इश्क का वो राज तुम्हारा है

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29 NOV 2021 AT 13:40

मेरे विचारों का समुद्र तुम क्या जानो
ह्रदय से पुकारा रूद्र तुम क्या जानो
साहस के रंगों से सुशोभित हूँ मैं
मेरे निती के सुत्र तुम क्या जानो

मेरी असफलता की पेहचान तुम क्या जानो
कर्ण जैसे जिवन का सन्मान तुम क्या जानो
अग्नी सा ध्येय में जल रहा हूँ मैं
मेरे भविष्य का गुणगान तुम क्या जानो

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29 NOV 2021 AT 13:28

मेरे चरित्र की पवित्रता तुम क्या जानो
मेरे सपनों की दिव्यता तुम क्या जानो
जैसे समय से हररोज युद्ध करता हूँ मैं
इस संघर्ष की संहिता तुम क्या जानो

मेरे अस्तित्व का प्रमाण तुम क्या जानो
मुझ में बसा वो आसमान तुम क्या जानो
इस जगत के खेल से पिडीत हूँ मैं
उगते सुरज का अपमान तुम क्या जानो

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14 NOV 2021 AT 0:13

मैं दुनिया की खामोशी हुं
एक आशिक की आशिकी हुं
शराब मेरा नाम हैं जनाब
मैं किसी शायर की मौसिकी हुं

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16 APR 2021 AT 15:10

पागल सा सपना था एक
जो सिर्फ खामोशी से बढता हैं

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16 APR 2021 AT 14:37

मैं रूह से स्याही बन जाता हूँ
फिरसे इश्क का राही बन जाता हूँ

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