समुंदर को बड़ा गुरूर है अपनी गहराई पर,
लगता है उसने तुम्हारी आँखें नहीं देखी !
-
मर्त्य मानव की विजय का तूर्य हूँ मैं,
उर्वशी! अपने समय का सूर्य हूँ मैं!!😎
समुंदर को बड़ा गुरूर है अपनी गहराई पर,
लगता है उसने तुम्हारी आँखें नहीं देखी !
-
मेरी थ्योरी अलग है.....
मुझे सुकून चाहिए था इसलिए इश्क़ छोड़ दिया!!🙂-
प्यार मोहब्बत की गलियों से मुख मोड़ लिया,
जा... तेरी खुशी की खातिर मैंने तुझे ही छोड़ दिया!🙂-
अजीब सी उलझन है, कहूं या ना कहूं...
कह दूं तो सब खत्म, और ना कहूं तो मैं खत्म..-
किसी को क्या हासिल होगा हमें याद करके,
हम तो 'आम इंसान' हैं...
और यहां पर सभी को किसी न किसी खास की तलाश है!🙂-
किसी और जहाँ में मुकम्मल होगा हमारा इश्क,
इस जहाँ में तो 'इकतरफे' आशिक का किरदार निभा रहा हूं....🙂🙂-