मिल लेती हूंँ माँ से, ख़्वाबों में अक्सर
क्योंकि......
हकीकत में मिलना, अब संभव नहीं
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Insta Id- ritakushwaha84
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माँ के एहसानों को कोई भर नहीं सकता
उसके जितनी मोहब्बत कोई कर नहीं सकता
___रीता अमर कुशवाहा
सभी माताओं को मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएंँ
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दुःख सुख हरदम सबका,बनके मीत रहा है
उम्मीदों से फिर क्यों , दामन रीत रहा है
देकर खट्टी मीठी , यादें.....इस जीवन को
धीरे - धीरे देखो , साल ये बीत रहा है-
दिल में जगह उसे ही दो,जज़्बात जो समझता हो
कहने की जरूरत न पड़े,हर बात वो समझता हो
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चेहरों पे लगे चेहरे पहचान पाता
अपनो में छिपे गैर,कोई जान पाता
तो न खाता इस कदर कोई धोखे कभी
अगर नीयत किसी की कोई भान पाता
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इसरो और प्रज्ञान का देखो,
जग में जलवा छाया है
नामुमकिन को मुमकिन करके
दुनियाँ को दिखलाया है
जहां पहुंचने की ख्वाहिश,
बस सपने जैसी लगती थी
उसी चांद पे भारत ने
अपना परचम फहराया है।
रीता अमर कुशवाहा-
याद अभी तक है हमें, बचपन की वह बात ।
गली-गली खेला करते, मीत सभी थे साथ ।।
हिय में अंकित हैं मेरे, अब भी सारे चित्र ।
कैसे कोई भूल सके, बचपन के वह मित्र ।।
सभी को मित्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं ।
* रीता कुशवाहा *-
होली में बदली है चाल
हर चेहरे पर लगा गुलाल
लाल गुलाबी पीला नीला
नही किसी को कोई मलाल ।-
होली है त्योहार रंग का
अपनों के साथ संग का
सब इक दूजे से मिलो गले
वक्त नहीं है आज जंग का ।
सभी को होली पर्व कि हार्दिक शुभकामनाएं 🙏🙏-
न देखो तुम मुझे ऐसे कि हमको प्यार हो जाए
चला जो तीर दिल पर है कहीं न पार हो जाए ,
रुको मत तुम मुझे कह दो मोहब्बत है अगर तुमको
बात इज़हार कि है तो चलो इज़हार हो जाए !-