तेरे मेरे बीच की बारीकियां तो देख...
जो जगी मैं तो सोए तुम भी नहीं
जो खोई मैं तो मिले तुम भी नहीं
जो टूटी मैं तो सिमटे हुए तुम भी नहीं।— % &-
पता जब गलत पता चला तो
फिर निकली हूं अपनी खोज में
खौ कर एक बार फिर खुद को।
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ए खुदा!
रहम-औ-करम तो देख उसकी
दुआओं में आज शामिल कर बैठी है उसका नाम
जिसने बोए थे बीज कभी उसी-के बर्बादी के-
इंतजार है उस शख्स का
जिसके पास "मुझे छोड़ कर जाने" के वजह हजार हो
पर वो "रुक जाने" का एक वजह हर रोज चुने
मुझे हर रोज चुने।-
टकरा गई थी...
मुकम्मल मोहब्बत का दावा करने वाले से!
तो गर्व हुआ अपने दिल पर
कमबखत! बाहर से सजी और
अंदर से खोखली दीवारें तो ना हैं
हम टूटे हैं... बिखरे हैं... पर पुरी शिद्दत से।-
देख लेना, मेरी जान!!
बिखरोगे तुम भी... हमें बिखरा पाकर
माना टूटे हम पहले से ही थे...
पर सिमटे हुए मिले थे तुम्हें ।-
Am I sad ?
or I chose to be unhappy ?
Am I unlovable ?
or I chose to feel unloved ?
Am I really so unwanted ?
or I chose to feel ?
If I chose... Then
Why I chose this feeling every single time??
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तेरे इंतजार में अब रातें कट जाती है
तारे टिमटिमाकर अब तुझ बिन ही सो जाते हैं
सवेरा तो अब भी हो जाता है
पर अब तू सुकून की नींद बनके मुझ में सोता नहीं
अब तू सुकून बनकर मुझ में समाता नहीं।-
जन्नत से भी हसीन है मेरा दिल
दिलके हर दीवार पर उनकी तस्वीर जो टंगी है-
चली थी मैं उनके रंगों से अपनी तस्वीर बनाने
इस बात से बेखबर
की़....
उन्हें खुद में कुछ इस तरह बसा बैठी मैं
हु-ब-हू उनकी ही तस्वीर बना बैठी मैं-