अधूरेपन वाली इस दुनिया में,
हम सब ख़ुद की तलाश में खो चुके हैं।-
मेरे लिखे शब्दों के पीछे, छुपे जज़्बात हो तुम,
मेरे मांगे हर ख्वाइशों के पीछे, छुपे ख़्वाब हो तुम।-
आज इस मायूस रात ने मुझसे कहा,
की क्यों बर्बाद करता है अपना वक़्त उस शक़्स के लिए,
जो किसी और के रातों का सवेरा बन रहा है।-
उन्होंने हमसे पूछा, मेरी एक शाम के कर्ज़ के बदले तुम मुझे क्या दोगे,
तो हमने अपनी सारी शाम ही उनके नाम कर दिया।-
वो एक बार हमसे हमारी कैफ़ियत पूछ कर तो देखें,
क्या पता आज ये ज़ुबान सच ही बयाँ कर जाए।-
मैं ख़फ़ा तुमसे नहीं उस वक़्त से हूँ,
जिसने फ़िर कभी हमें मिलाने की साजिश ही ना रची।-
मैं आसमान की ओर देख के तेरे होने का एहसास तराशूँ ,
तुम बूंद बन कर मेरे पास चले आना।-
जिस शहर में नई यादें बनाने आये थे,
आज वही शहर अब बस एक याद बन कर रह जायेगी।-
है आखिरी सलाम हमारा इस शहर को,
हो सके तो दोबारा मिलना,
मैं अपनी आखिरी शाम यहाँ छोड़ जा रहा हूँ।-
ये खामोशी है कह रही मुझसे,
की मिले कोई बात करने वाला तो हमें भी ज़रूर बताना।-