करते हैं कोशिश जब भी,
कि लिखे कुछ उनके बारे में,
जब भी लिखते हैं, खुद को
निशब्द पाते हैं...
ना कोई ऐसा शब्द हैं, जो
आपको सीमा में बांध सके,
मिली है आपसे ही ये ज़िंदगी,
ये ज़िंदगी आपकी ही पहचान हैं,
आपकी एक मुस्कुराहट पर, ये
सारी दुनिया कुर्बान हैं....
आये अगर आपके चेहरे पर उदासी,
या आये आखों मे नमी...
तो मेरी जिंदगी वीरान हैं ,
ना कर पाऊं आपके सपने पूरे
तो मेरी कोशिशे नाकाम हैं l
नहीं कर सकते खफा अपनी
दुनिया को, क्योंकि ' पापा ' आप
मेरी खुशियाँ, मेरा जहान हैं..
आपकी खुशियाँ मेरा सपना और
आपके दिये गए संस्कार मेरा
' स्वाभिमान' हैं l
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